रयान पब्लिक स्कूल के प्रद्युमन की हत्या के आरोप में जेल में बंद कंडक्टर अशोक कुमार को आज रिहाई मिल गयी है. अशोक की बेल पर एडिशनल सेशंस जज रजनी यादव मुहर लगाएंगी. सितम्बर में हुए प्रद्युमन मर्डर के बाद गुरुग्राम पुलिस ने सबसे पहले अशोक को हिरासत में लिया था. इस मामले की जांच जैसे ही सीबीआई के हाथों में आयी, धीरे-धीरे अटकलें लगने लगीं कि अशोक से पुलिस ने जबरन स्टेटमेंट लिया था.

Hindustan Times

अशोक की रिहाई के लिए उसके गांववालों ने मिल कर पैसे जमा किये हैं. प्रद्युम्न की हत्या के बाद से स्कूल की तरफ़ से अशोक को कोई सैलरी नहीं दी गयी. उसकी बेल के लिए गांववालों ने कभी 100, कभी 2000 देकर लगभग 2 लाख रुपये जमा किये हैं. अशोक का परिवार इस मदद के लिए गांववालों का आभारी है, उनका कहना है कि ये सभी मानते हैं कि अशोक बेगुनाह है और उसे बचाने के लिए वो हमारी हर संभव मदद कर रहे हैं.

Times Now

अशोक के वकील का कहना है कि जिन दो मुख्य सबूतों के बिना पर अशोक को पकड़ा गया था, उनसे कुछ साबित नहीं हुआ. न ही फॉरेंसिक जांच में अशोक के ख़िलाफ़ कुछ साबित हुआ और न ही चश्मदीद गवाहों की बयान आपस में मिले, बहुत से गवाहों ने ये साफ़ किया कि उन्हें हत्या के ठीक बाद अशोक के कपड़ों पर ख़ून के कोई निशान नहीं मिले.

सीबीआई’ ने कोर्ट के इस फ़ैसले को चैलेंज नहीं किया है, लेकिन उसका कहना है कि अगर उनकी जांच का कोई सिरा अशोक की तरफ़ घूमा, तो वो ज़रूरी कदम उठाएंगे. अभी तक इस केस का कोई नतीजा सामने नहीं आया है और सीबीआई की जांच चल रही है.