जालंधर की एक प्राइवेट युनिवर्सिटी में इन दिनों भारतीय विज्ञान कांग्रेस (Indian Science Congress) का 106वां अधिवेशन चल रहा है. इस बार इसकी थीम है ‘भविष्य का भारत-विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी’. लेकिन ग़ज़ब कि बात ये है कि वहां पर विज्ञान को छोड़, हर तरह की बेतुकी बातें हो रही हैं.
3-7 जनवरी तक चलने वाली इस कॉन्फ्रेंस के पहले दिन आंध्र प्रदेश युनिवर्सिटी के कुलपति नागेश्वर राव ने कहा, ‘कौरवों का जन्म स्टेम सेल और टेस्ट ट्यूब तकनीकों से हुआ था और भारत ने हज़ारों साल पहले ही इस तकनीक का ज्ञान हासिल कर लिया था.’
#WATCH: GN Rao,Vice-Chancellor Andhra University at Indian Science Congress y’day in Jalandhar:How come Gandhari gave birth to 100 children?Stem cell research was done 1000 yrs ago in this country,we had 100 Kauravas from one mother because of stem cell&test tube-baby technology. pic.twitter.com/C9nlaYwB7p
— ANI (@ANI) January 5, 2019
वहीं पंजाब युनिवर्सिटी के एक वैज्ञानिक ने कहा कि डायनासोर को भगवान ब्रह्मा ने बनाया था. सबसे पहले उन्होंने ही इसकी खोज की थी.
अब एक और वैज्ञानिक ने ऐसी ही Illogical बात कही है. उनका कहना है कि आने वाले दिनों मॉर्डन फ़िज़िक्स में बहुत से बदलाव देखने को मिलेंगे. Gravitational Waves को मोदी वेव्स कहा जाएगा और Gravitational Lensing Effect हर्षवर्धन इफै़क्ट के नाम से जाना जाएगा.
ये बातें कहने वाले शख़्स का नाम है Kanan Jegathala Krishnan. ये तमिलनाडु के World Community Service Centre के सीनियर रिसर्च साइंटिस्ट हैं. वो यहीं नहीं रुके, उनके हिसाब से न्यूटन को गुरुत्वाकर्षण बल का कोई ज्ञान नहीं था. उनके कई नियम ठीक नहीं हैं. उसके बदले उन्होंने नए नियम बनाए हैं, जो गुरुत्वाकर्षण बल से संबंधित हर पहलू पर खरे उतरते हैं.
ये उस भारत के वैज्ञानिक कह रहे हैं, जो चांद पर जाने का सपना देख रहा है. वो भी उस जगह पर, जहां लोगों को विज्ञान में रूचि लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है.