ज़रूरतमंदों की मदद करना किसी को सिखाया नहीं जा सकता. ये नेक विचार तो इंसान के मन में ख़ुद ब ख़ुद ही आ जाता है. इस दुनिया में अब भी नेकदिल लोग बचे हुए हैं. जो ज़रूरतमंदों की मदद के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार रहते हैं.  

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ऐसे ही एक शख़्स मुंबई के रहने वाले सागर कमलाकर गावड़ भी हैं. सागर ने वो किया जो शायद ही कोई किसी अनजान के लिए करता हो. दरअसल, सागर ने एक गर्भवती महिला को अस्पताल पहुंचाने के लिए रेलवे प्लेटफ़ॉर्म पर ऑटो रिक्शा दौड़ाकर इंसानियत की मिसाल पेश की है.  

ये मामला 4 अगस्त का बताया जा रहा है. एक गर्भवती महिला अपने पति के साथ मुबंई की लोकल ट्रेन में सफ़र कर रही थीं. तभी अचानक महिला को लेबर पेन होने लगा. इस दौरान ट्रेन विरार के डोंगरपाड़ा रेलवे स्टेशन पर रुक गई. महिला की हालत गंभीर होती जा रही थी और पति बेहद परेशान थे.   

महिला लगातार लेबर पेन से कराह रही थीं. पत्नी को जल्द से जल्द हॉस्पिटल पहुंचाने के चक्कर में पति मदद के लिए यहां-वहां भाग रहे थे. अचानक उनकी नज़र स्टेशन के बाहर खड़े ऑटो चालक सागर पर पड़ी. वो भागकर सागर के पास गए और उनको पूरी कहानी बताई.  

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सागर ने जरा भी देरी किये बिना ही अपना ऑटो रेलवे प्लेटफ़ॉर्म पर दौड़ा दिया. पहली बार प्लेटफ़ॉर्म पर ऑटो देखकर लोग हैरान थे. लेकिन सागर बिना किसी परवाह के महिला को लेकर वहां से हॉस्पिटल की ओर निकल पड़ा. इस तरह महिला की जान बच पाई. 

महिला की जान तो बच गई, लेकिन पुलिस ने रेलवे प्लेटफ़ॉर्म पर ऑटो दौड़ने को लेकर ऑटो चालाक सागर को धर लिया. बाद में कोर्ट ने उसे चेतावनी देकर छोड़ दिया.