ये दौर चुप रहने का चल रहा है, हर कोई खुद का कॉलर बचाने के लिए चुप है. आंखों के सामने हो रहे अपराध से लोग नज़र फेर रहे हैं. ऐसे में कुछ लोग हैं, जिनका खून आज भी खौलता है.

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बीते शुक्रवार को बेंगलुरु के एक आॅटो ड्राइवर के साहस के कारण एक दुर्घटना होने से बच गई.

  Bangalore Mirror ​की रिपोर्ट के अनुसार, आॅटो चालग Asgar Pasha यशवंतपुर रेलवे स्टेशन के बाहर खड़ा था. पाशा को सामने, फ़याज़ नाम का दूसरा आॅटो चालक किसी से हाथापाई करता दिखा. अगले ही पल कुछ फ़याज़ और कुछ लोगों ने उस आदमी को बुरी तरह पीट कर अधमरा कर दिया. इसके बाद वो उसके साथ वाली लड़की को घसीट कर ले जाने लगे.

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पाशा जानता था, कि अगर वो अकेले उस लड़की को बचाने जाता है, तो वो उसे आसानी से मार देंगे. पाशा भाग कर अपने बाकी तीन साथी को बुला कर लाया. जब वो वापस लौटा तो उस रोड पर लड़की और गुंडे नहीं थे. आस पास की जगहों पर भी जब वो नहीं दिखे तो पाशा ने पुलिस को फ़ोन कर दिया.

पुलिस ने तुरंत एक्शन लिया और स्टेशन के पास के एक खाली गादाम में रेड मार दी. वो लोग लड़की को लेकर वहीं गए थे और सामूहिक रेप की पूरी कोशिश में थे. पुलिस ने सबको गिरफ़्तार कर लिया. ये पूरी घटना 45 मिनट में हो गई. बाद में पता चला कि वो लड़की दूसरे शहर से बेंगलुरु आई थी और अपने कज़न के साथ घर जा रही थी.

पाशा की हिम्मत की सब दाद दे रहे हैं, पर अब उसे अपनी जान का खतरा है. पाशा ने Bangalore Mirror से बतया कि-

मैं चाहता तो चुप रह सब देख सकता था क्योंकि फ़याज़ मेरे जानने वाला था. पर मैंने ऐसा नहीं किया. अब जब अपराधियों के खिलाफ़ कार्यवाही हो चुकी है, मुझे अपनी जान का ख़तरा है. मुझ पर इसका कोई फ़र्क नहीं पड़ता, लेकिन मैं पुलिस से दरख्वास्त करूंगा कि अगर ऐसा कुछ होता है तो न्याय होनाा चाहिए.

पाशा की हिम्मत की हम दाद देते हैं.