योगी सरकार अपने कड़े फ़ैसलों और उन्हें अपने अनोखे अंदाज़ में लागू करने के लिए मशहूर है. फ़ैसलों की इस श्रेणी में एक और दिल दुखाने वाला फ़ैसला शामिल हो चुका है. ये है सार्वजनिक छुट्टियों में कटौती का फ़ैसला. यूपी सरकार ने 15 सार्वजनिक छुट्टियों को अपनी सूची से हटा दिया है. इनमें कई मशहूर हस्तियों की जयंती और पुण्यतिथि शामिल हैं.

इन छुट्टियों की सूचि में छट, चेटी चंद, जमात-उल-अलविदा और मीलाद उन-नबी भी हैं.

मुस्लिम समुदाय में काफ़ी लोगों को इस फ़ैसले से ऐतराज़ है. उनका कहना है कि मीलाद उन-नबी, मोहम्मद साहब का जन्मदिन होता है, बिल्कुल वैसा ही जैसे राम नवमी और जन्माष्टमी. उस लिहाज़ से सरकार को इस फ़ैसले पर विचार करना चाहिए. लोगों में जमात-उल-अलविदा के लिए भी ऐतराज़ है, क्योंकि वो रमज़ान का आखिरी शुक्रवार होता है और उस दिन काफ़ी लोग रोज़े से होते हैं और पांच बार नमाज़ पढ़ते हैं.
कई लोग इसे योगी का मुस्लिम विरोधी फ़ैसला मान रहे हैं. हालांकि इस सूची में लगभग हर धर्म की छुट्टियां शामिल हैं, कई लोग इसे एक धर्म के साथ हो रही ज्यादती नहीं मान रहे.
सुन्नी मौलवी खलिद रशीद फिरंगी महल का कहना है कि, ‘ये दुखद है कि यूपी सरकार ने ऐसी छुट्टियां रद्द कर दी हैं, जिसका उनके समुदाय में एक विशेष महत्व है. जमात-उल-अलविदा और मीलाद उन-नबी की छुट्टी तो तब भी होती थी, जब केंद्र में वीपी सिंह की सरकार थी. इसमें कई तरह के फंक्शन होते हैं, जिसमें गैर मुस्लिम भी शामिल होते हैं. ये दोनों छुट्टियां रद्द होने का फ़ैसला सिर्फ़ भारत में ही नहीं, पूरी दुनिया में एक गलत छवि बनाएगा.
आॅल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के उपाध्यक्ष कल्बे हुसैन का कहना है कि-
चूंकि सरकार ने बाकी धर्मों की छुट्टियां भी रद्द की हैं, ये पूरी तरह से अनुचित निर्णय नहीं है. साथ ही साथ अगर सरकार दोबारा इस फ़ैसले पर विचार कर ले, तो अच्छा होगा. ख़ासतौर पर अलविदा की छुट्टी पर, क्योंकि उस दिन समुदाय के काफ़ी लोग नमाज़ पढ़ते हैं और रोज़े से होते हैं. ये एक अच्छा संकेत होगा अगर सरकार इसे मानती है तो.
यूपी में कुल 42 सार्वजनिक छुट्टियां होती थीं, जिसमें से 17 मशहूर हस्तियों की जयंती होती थी. इनमें कई छुट्टियां सपा और बसपा सरकार के कार्यकाल में घोषित हुई थीं.
मंत्री श्रीकांत शर्मा के बताया कि-
राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान ‘मंत्रिमंडल ने ऐसी 15 छुट्टियों को रद्द कर दिया जिसमें मशहूर लोगों की जयंती शामिल थी. इसके बदले अलग अलग कार्यक्रमों के ज़रिए छात्रों को इन हस्तियों के बारे में जानकारी दी जाएगी.