प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस के बढ़ते ख़तरे को देखते हुए 21 दिन के लिए लॉकडाउन की घोषणा तो कर दी, लेकिन केंद्र और राज्य सरकारों के इस फैसले से देशभर के ग़रीब और ज़रूरतमंद भुखमरी की कग़ार पर आ गए हैं.
कोरोना वायरस के ख़तरे को देखते हुए देशभर के सभी निजी संस्थानों को बंद कर दिया गया है. ऐसे में क़रीब 8 करोड़ दिहाड़ी मज़दूरों का काम ठप हो गया, मालिक ने भी काम से निकाल दिया है. लॉकडाउन के बाद जहां अमीरों और मिडिल क्लास ने अपने घरों में ज़रूरत का सारा सामान भर लिया है. वहीं बिहार, बंगाल और यूपी से दिल्ली, मुंबई और चेन्नई जैसे महानगरों में रोज़गार की तलाश में आए दिहाड़ी मज़दूरों के सामने खाने-पीने की समस्या खड़ी हो गई है.
36 घंटे में 80 किलोमीटर – लॉकडाउन के बीच घर पहुंचने के लिए पैदल चलने को मजबूर हैं ये मज़दूरhttps://t.co/HBI2EBHFUv
— NDTVIndia (@ndtvindia) March 25, 2020
देशभर में 14 अप्रैल तक स्कूल, कॉलेज, मॉल, होटल, रेस्टोरेंट और बाज़ार के साथ ही सड़क, रेल और हवाई यात्रा पूरी तरह से बंद कर दी गयी हैं. पब्लिक ट्रांसपोर्ट नहीं चलने जो जहां थे वहीं फंस गए हैं. घर पहुंचने के जुगत में हज़ारों दिहाड़ी मज़दूर सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलने को मजबूर हैं. कोई दिल्ली से नेपाल तो कोई दिल्ली से अलीगढ तक भूखे-प्यासे पैदल जाने को मजबूर हैं.
Special aircraft like 787-Dreamliner and Boeing-777 with special medical teams by govt. to bring back Indians.
— Harsh (@_ambedkarite) March 26, 2020
Poor has no travelling facilities either by plane, train, bus, auto. Walking 500-1000 km with holding children on his shoulder.
India has failed it’s own people. pic.twitter.com/oTUG6rI4YX
इन दिनों सोशल मीडिया पर कई वीडियो वायरल हो रहे हैं. इन्हीं में से एक बदायूं पुलिस का भी बताया जा रहा है. 300 किमी पैदल चलकर घर पहुंचने जुगत में लगे कुछ ग़रीब दिहाड़ी मज़दूरों को पुलिस द्वारा ‘फ़्रॉग जंप’ करवाई गई. पीठ पर सामान और पेट खाली होने की बावजूद पुलिस इन बेबस लोगों को खाना खिलाने के बजाय उन पर ज़ुल्म करती नज़र आ रही है.
THIS-Heartbreaking!
— Zeba Warsi (@Zebaism) March 26, 2020
Video from Badaun, UP
Poor boys who’re on foot from Gwalior, WERE MADE TO CRAWL by UP Police
Cops been asked to help distressed migrants, not ill treat them like this.
Many cops doing good work but this is unacceptable! @pranshumisraa #CoronavirusLockdown pic.twitter.com/YPllyphTO7
— Budaun Police (@budaunpolice) March 26, 2020
सच कहूं तो घर पर बैठकर न्यूज़ चैनलों पर इन ग़रीब दिहाड़ी मज़दूरों की बेबसी देख हलक़ से खाना नीचे नहीं उतर रहा है. कोई 3 दिन से भूखा है तो कोई 5 दिन से. कभी कभी मन करता है सबकुछ भूलकर इन बेबस लोगों की मदद के लिए सड़कों पर निकल पडूं.
Kajodi is over 90. Her village is in Sawai Madhopur, 400 kms from Delhi. The family is travelling a few metres ahead of her. pic.twitter.com/XJhOib5iLE
— Salik Ahmad (@inker_salik) March 26, 2020
एक वीडियो में 10 साल की एक मासूम बच्ची कहती है वो 3 दिन से भूखी है, भूख के कारण उसके पेट और सिर में बहुत तेज़ दर्द हो है. सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलकर पैरों में इतना दर्द है कि उन्हें ज़मीन पर रखा नहीं जा रहा है.
ऐसे ही एक अन्य वीडियो में मुंबई से किसी तरह दिल्ली पहुंचे नेपाल के रहने वाले 8 से 10 लोगों का एक ग्रुप भी भूखे प्यासे दिल्ली से क़रीब 700 किमी दूर नेपाल पैदल जाने को मज़बूर है. दुःखद बात ये है कि इस ग्रुप में एक महिला भी है जिसकी गोद में 5 महीने का एक बच्चा भी है. भूखी प्यासी मां के पास बच्चे के लिए दूध तक नहीं है.
कोरोना का पता नहीं, लेकिन खाना न मिला, तो भूख से मर जाएंगे : लॉकडाउन में किल्लत झेल रहे मजदूरhttps://t.co/ihJWMauceB
— NDTVIndia (@ndtvindia) March 26, 2020
भूख-प्यास से तड़पना क्या होता है इन ग़रीब लोगों को देखकर अंदाज़ा लगाया जा सकता है. ख़ुद को क़िस्मत वाला मानता हूं कि मैं इस तरह की सिचुएशन में नहीं हूं. लेकिन इन लोगों के दर्द को देख मन सिहर उठता है.