अगर आपको लगता है कि जॉब और ज़िंदगी में आपके साथ बहुत कुछ अनफ़ेयर हो रहा है, तो आपको इस खबर पर नज़र मारने की ज़रूरत है.

बांग्लादेश की राजधानी ढाका में इस शख़्स को अपना नाक बंद कर सीवर से गंदगी साफ़ करनी पड़ती है. सीवर की गंदगी को ये शख़्स बिना किसी सुरक्षा के अंजाम देता है. इस काम के लिए हर महीने इस सफ़ाई कर्मचारी को महज 24000 रुपये मिलते हैं.

सीवर को साफ़ करने वाले इस क्लीनर के पास किसी भी तरह के प्रोटेक्टिव कपड़े नहीं होते हैं. मैनहोल कर्मचारियों की जॉब बेहद ख़तरों से भरी हुई है. अक्सर ज़हरीली गैसों के संपर्क में आकर इन लोगों की मौत हो जाती है.

बांग्लादेश की राजधानी ढाका में 14 मिलियन से अधिक की आबादी है. ये हमारे लिए बेहद शर्मनाक है कि 21वीं सदी की ओर बढ़ती दुनिया में किसी इंसान को लोगों की गंदगी अपने हाथों से उठानी पड़ रही है.

पिछले कुछ समय से बांग्लादेश में मैनहोल में काम करने वाले कर्मचारियों की मौतों में तेज़ी से इज़ाफ़ा हुआ है. इसके बावजूद सफ़ाई कर्मचारियों को किसी भी तरह की सुरक्षा प्रदान नहीं की जा रही है.

यूं तो भारत में भी सीवर कर्मचारियों के हालात बहुत बेहतर नहीं हैं, लेकिन ये बांग्लादेश की तुलना में कहीं बेहतर है. श्रम दिवस वाले मई के इस महीने में उम्मीद है कि भारत, बांग्लादेश के साथ ही दुनिया के हर दबे-कुचले और शोषित वर्ग को समय पर और उचित न्याय, संभव हो पाएगा.