देश में आज भी शिक्षा संसाधनों के क्या हालात हैं, उसका एक नज़ारा आप उत्तर प्रदेश में देख सकते हैं. यूपी के कई जिलों में प्राथमिक विद्यालय सिर्फ़ किताबों तक ही सीमित रह गए हैं. कहीं स्कूल हैं, तो टीचर नहीं. कहीं टीचर हैं, तो स्कूल नहीं. और जहां टीचर हैं भी, तो वो बच्चों को पढ़ाने के लायक ही नहीं. 

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इसके उलट यूपी के बाराबंकी जिले में एक शिक्षक ऐसे भी हैं, जो अपने फर्ज़ के प्रति ईमानदार हैं. वो बच्चों को पढ़ाने के लायक तो हैं लेकिन उनके पास पढ़ाने के लिए स्कूल ही नहीं है. जिस स्कूल में वो पढ़ाते हैं, वहां बारिश के वक़्त क्लासरूम की छत से पानी टपकता है. क्लासरूम पानी का तालाब बन जाता है. टीचर छाता लेकर पढ़ाते हैं, वहीं बच्चे छाता लेकर पढ़ाई करते हैं. 

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दरअसल, यूपी के कई जिलों में इन दिनों मूसलाधार बारिश हो रही है. इसके बाद बाराबंकी जिले में भारी बारिश के चलते सभी स्कूलों की छुट्टी कर दी गई है. 

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इससे पहले बीते गुरुवार बाराबंकी के बनीकोडर ब्लॉक के ‘शंकरगढ़ प्राथमिक विद्यालय’ में बच्चों व टीचर को क्लासरूम में छाता लिए देखा गया. इसका एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर ख़ूब हो रहा है. 

वीडियो में क्लासरूम की छतों से पानी टपकता दिखाई दे रहा है. क्लासरूम में हर जगह पानी भरा नज़र आ रहा है. टीचर छाता लिए ब्लैक बोर्ड पर बच्चों को पढ़ाते दिखाई दे रहे हैं, तो वहीं बच्चे क्लासरूम के एक कोने में एकत्र होकर छाता लिए टीचर की बातें सुन रहे हैं. 

शिक्षक का नाम देवी प्रसाद है, जो पिछले कुछ सालों से शिक्षामित्र के तौर पर इस स्कूल में पढ़ा रहे हैं.  

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देवी प्रसाद कहते हैं कि ‘स्कूल बेहद जर्जर हालत में है. बरसात के वक़्त क्लासरूम पानी का तालाब बन जाता है. हमें मजबूरन छाता लेकर बच्चों को पढ़ाना पड़ता है’.  

राज्य सरकार के इस स्कूल की जर्जर हालत को देख कर लग रहा है मानो ये कोई खंडहर हो. दीवारों में दरारें पड़ी हुई हैं. बच्चे हर वक़्त अनहोनी के साए में रहते हैं. ऐसे हालात में चाहे टीचर कितना ही लगन से क्यों न पढ़ाये, बच्चे क्या ही सीख पाएंगे.