Barbie Doll… शब्द सुनते ही दिमाग़ में गाना बज जाता है, ‘I am a Barbie Girl, In The Barbie World.’ और आंखों के सामने सुनहरे बालों वाली गुड़िया आ जाती है.


बचपन में लगभग सभी के पास Barbie गुड़िया होती ही थी. बच्चे उसको सजाते थे, उसके साथ खेलते थे. 

पहले की Barbie से बच्चों को कोई प्रेरणा नहीं मिलती पर अब तो कई Barbies आती हैं, जो ऐसी महिलाओं पर बनाई जाती हैं जिन्होंने लीक से हटकर कोई मक़ाम हासिल किया हो.  

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Frida Kahlo, Amelia Earhart, Sara Gama जैसी नामचीं महिलाओं पर Barbie बनाई जा चुकी हैं. इस सूची में लेटेस्ट नाम है नलिनी नाडकर्णी का.


नलिनी एक Indo-American Ecologist और यूनिवर्सिटी ऑफ़ उटाह की वैज्ञानिक हैं. वो वर्षा वन Ecology और Canopies के बारे में रिसर्च करती हैं. 

Mattel ने Nalini और National Geographic के साथ मिलकर STEM (Science, Technology, Engineering और Mathematics) Professions वाली Barbie की एक नई रेंज निकाली है.  

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ये Barbie हेल्मेट, बायनोकुलर्स और जैकेट, बूट्स के साथ लैस हैं.   


2000 के शुरुआत में नलिनी को ये एहसास हुआ कि Canopy Studies में ज़्यादा महिलाएं रूचि नहीं लेती. उनको ये भी पता था कि Barbie गुड़िया बच्चियों पर गहरा प्रभाव डालती हैं. बच्चियों की Ecology और Canopy Research में रूचि जगाने के लिए नलिनी ख़ुद से गुड़िया बनाने लगीं. 

नलिनी सेकेंड-हैंड गुड़िया ख़रीदती, उनके कपड़े दर्ज़ी से सिलवातीं और गुड़िया बनाती. नलिनी उन्हें TreeTop Barbies नाम दिया. 

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कुछ दिनों बाद नलिनी ने ये आईडिया Mattel के पास ले गईं पर Mattel ने इसमें रूचि नहीं दिखाई. जब TreeTop Barbies हिट हो गईं तब Mattel ने नलिनी को अप्रोच किया.