अमेरिका में सिख सैन्य अधिकारी ने धार्मिक समानता की लड़ाई जीत ली है. जी हां, दुनिया के अन्य अल्पसंख्यक धर्मों और संस्कृतियों में से खुद को सबसे ज़्यादा उदार बनाते हुए अमेरिकी सेना ने अपनी सेना में एक नियमन जारी किया है. इस नियमन के अनुसार, अमेरिकी सेना ने पगड़ी या हिजाब पहनने वाले या फिर दाढ़ी रखने वाले लोगों को सेना में भर्ती होने की मंजूरी दे दी है.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2017/01/586e081f19867e3a309e8ff0_809980686.jpeg)
इस नियम को जारी करते हुए सैन्य सचिव Eric Fanning ने कहा, ‘अमेरिकी सेना की ओर से जारी किए गए ये नए नियम ब्रिगेड स्तर पर धार्मिक पहचान को समाहित करने की मंजूरी देते हैं.’
गौरतलब है कि इससे पहले सचिव स्तर तक को ही ये इजाज़त थी. लेकीन अब इस मंजूरी के बाद सेना में हुए इस बदलाव से यह सुनिश्चित होगा कि धार्मिक पहचान का समावेश स्थायी हो और अमेरिकी सेना में अधिकतर पदों पर लागू हो.
आपको बता दें कि अमेरिकी सैन्य सचिव की ओर से जारी निर्देश का स्वागत करते हुए Congressman Joe Crowley ने कहा, ‘यह न सिर्फ सिख अमेरिकी समुदाय के लिए, बल्कि हमारे देश की सेना के लिए एक बड़ी प्रगति है. सिख-अमेरिकी इस देश से प्यार करते हैं और हमारे देश में सेवा का उचित अवसर चाहते हैं.’
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2017/01/586e081f19867e3a309e8ff0_163957684.jpeg)
इसके साथ ही Joe Crowley कहते हैं, ‘हम एक सशक्त राष्ट्र हैं, जिसके पास एक मजबूत सैन्यशक्ति है और हम हर धर्म और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का सम्मान करते हैं.’ सिख-अमेरिकी और लॉ-मेकर्स ने पिछले कई वर्षों से इस मुद्दे पर राष्ट्रीय स्तर पर एक अभियान चला रखा था. इन सभी ने इस कदम का खुले दिल से स्वागत किया है.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2017/01/586e081f19867e3a309e8ff0_633915800.jpeg)
आपको बा दें कि अमेरिका सहित दुनिया के अधिकतर देशों में सेना में धार्मिक प्रतीकों को जाहिर न करने का चलन है. ऐसा न करने की वजह यह है कि सेना नहीं चाहती कि धार्मिक प्रतीकों की अभिव्यक्ति सेना के अनुशासन, सामंजस्य और समानता की सोच में कोई भी अड़चन आये. साथ ही इन धार्मिक प्रतीकों से युद्ध के मैदान में सैनिक की जान को खतरा पैदा हो सकता है.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2017/01/586e081f19867e3a309e8ff0_178480830.jpeg)
गौरतलब है कि पहले विश्व युद्ध के दौरान अमेरिका ने अपने सैनिकों को दाढ़ी न रखने का आदेश दिया था क्योंकि कि दाढ़ी की वजह से सैनिकों को गैस मास्क पहनने में मुश्किल हो सकती है. वहीं ब्रिटिश सेना ने अपने सैनिकों को दाढ़ी-मूंछ रखने की मंजूरी दी थी. साथ ही वहां पर मुस्लिम महिला सैनिकों को पूरी बांह की शर्ट और ट्राउजर के साथ ही कोई खतरा न होने की स्थिति में हिजाब पहनने की भी इजाज़त मिली हुई है.
हालांकि, अमेरिका में इसी साल जून में एक 20 वर्षीय सिख सैनिक इकनूर सिंह को फेडरल कोर्ट ने पगड़ी के साथ ही सेना का ऑफिसर बनने की इजाजत दी थी.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2017/01/586e081f19867e3a309e8ff0_661955843.jpeg)
गौरतलब है कि पिछले साल 31 मार्च को अमेरिकी सेना ने सिख जवान कैप्टन सिमरत पाल सिंह को स्थाई तौर पर धार्मिक प्रतीक चिह्नों के साथ सेवा देने की अनुमति दी थी. सिमरतपाल ने मार्च की शुरुआत में ही अमेरिकी रक्षा विभाग के खिलाफ मुकदमा ठोका था. उन्होंने धार्मिक आधार पर भेदभाव का आरोप लगाया था.