‘भारतीय गाय हमारी माता है विदेशी गाय आंटी’ जैसे बयान देने वाले बीजेपी के पश्चिम बंगाल चीफ़ दिलीप घोष अक्सर अपने इसी तरह के अतरंगे बयानों के लिए जाने जाते हैं.
अब दिलीप घोष ने जेएनयू प्रेसिडेंट आएशी घोष पर हुए हमले को लेकर कहा है कि उनके सिर पर ख़ून था या फिर लाल पेंट?
जानकारी दे दें की 5 अगस्त को जेएनयू में छात्रों पर हुए हमले में जेएनयू प्रेसिडेंट आएशी घोष बुरी तरह घायल हो गयी थीं. इस दौरान उनके सिर पर चोट आई थीं जिसके बाद उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया था.
Jawaharlal Nehru University Student Union (JNUSU) President Aishe Ghosh at JNU: I have been brutally attacked by goons wearing masks. I have been bleeding. I was brutally beaten up. pic.twitter.com/YX9E1zGTcC
— ANI (@ANI) January 5, 2020
इस दौरान उन्होंने छात्रों पर हुए हमले की करने के बजाय उल्टा छात्रों पर ही निशाना साधते हुए कहा कि छात्र राजनीति और शिक्षण संस्थानों में हिंसा वामपंथी छात्र संगठनों का तोहफ़ा है. आप सिर्फ़ पश्चिम बंगाल, केरल और त्रिपुरा के शिक्षण संस्थानों में ही हिंसा देखेंगे जहां वाम दल या तो सत्ता में हैं या फिर कुछ सालों पहले तक सत्ता में थे. अब वामपंथी छात्र समूहों को ये वापस मिल रहा है क्योंकि हिसाब बराबर किया जा रहा है.
बुधवार को पश्चिम बंगाल के नदिया ज़िले में एक रैली के दौरान तो दिलीप घोष ने हद ही कर दी. इस दौरान उन्होंने भीड़ में फंसी एक ऐंबुलेंस को रास्ता देने के बजाय उसे दूसरे रास्ते से जाने के लिए कह दिया.
#WATCH West Bengal: State BJP chief Dilip Ghosh orders to divert route of ambulance during an event in Nadia; says, “divert the route of ambulance as hundreds of people are sitting here. They (TMC) are doing it purposely. It’s their tactic to disrupt this rally.” (06.01.2020) pic.twitter.com/SALCvph6QQ
— ANI (@ANI) January 8, 2020
इस दौरान घोष ने कहा, ‘यहां हज़ारों लोग बैठे हुए हैं, ऐंबुलेंस का रास्ता बदल दीजिए. टीएमसी वाले जानबूझकर ऐसा कर रहे हैं. इस रैली को बाधित करने के लिए ये उनकी रणनीति है.
बता दें कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सत्तारूढ़ टीएमसी और बीजेपी में जुबानी जंग तेज़ हो गई है. बीजेपी जहां ‘नागरिकता संशोधन कानून’ के समर्थन में रैलियां कर रही है, वहीं टीएमसी इसका जमकर विरोध कर रही है.