बेंगलुरू में रहने वाली 37 साल की एक महिला अमृता ने दावा किया है कि वो तमिलनाडु की पूर्व सीएम जयललिता की बेटी हैं और इस बाबत उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में पिटीशन भी फ़ाइल की है. महिला ने ये भी मांग की है कि उसके डीएनए की जांच कराई जाए, ताकि यह साबित हो सके कि वह जयललिता की बेटी है

22 नवंबर को फ़ाइल की गई इस पिटीशन में अमृता का दावा है कि उन्हें जयललिता की बहन ने ही पाल-पोस कर बड़ा किया है. 5 दिसंबर को जयललिता के निधन के बाद ही उन्हें अपने बारे में इस ‘सच्चाई’ का पता चला था.

68 साल की जयललिता का निधन एक लंबी बीमारी के बाद चेन्नई में हुआ था. जयललिता अपनी पर्सनल लाइफ़ को लेकर काफ़ी सजग रहती थीं और उन्होंने कभी शादी नहीं की थी. राजनीति में कदम रखने से पहले जयललिता दक्षिण फ़िल्मों की सफ़ल अदाकारा रह चुकी थी. 2016 के चुनावों के दौरान उन्होंने 113 करोड़ की संपत्ति घोषित की थी.

एआईएडीएमके के प्रवक्ता सत्यम राजन से जब इस मामले के बारे में प्रतिक्रिया लेने की कोशिश की गई तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस मामले के बारे में कोई अंदाज़ा नहीं है.

अमृता के साथ जयललिता की दो बहनों एलएस ललिता और रजनी रवींद्रनाथ ने भी याचिका दायर करते हुए इस मामले में दखल देने की बात की है. याचिका में अमृता ने कहा कि उन्हें जयललिता की दिवंगत बहन शैलजा की बेटी के रूप में पाला गया.

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अमृता ने कहा कि ‘जयललिता के निधन के बाद मुझे मेरी आंटियों एलएस ललिता और रजनी रविंद्रनाथ ने बताया कि मै जयललिता की जैविक बेटी हूं. ललिता और रजनी भी जयललिता की रिश्तेदार हैं. हालांकि रिकॉर्ड यही कहते हैं कि जयललिता का केवल एक ही भाई था, जिसका नाम जयकुमार था. हालांकि शैलजा ने बराबर यही कहा था कि वह जयललिता की बहन हैं और इसे लेकर वह लगातार दावे भी करती रहीं.’

अमृता के अनुसार, उन्हें जयललिता की बड़ी बहन शैलजा ने एडॉप्ट किया था. शैलजा की मौत 2015 में हो गई थी वहीं उनके पति सराथी की मृत्यु इस साल मार्च में हुई थी. पिटीशन में दावा किया गया है कि जब सराथी ज़िंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहे थे, तब उन्होंने खुलासा किया था कि उनके और जयललिता एक रिश्ते में थे.

गौरतलब है कि जयललिता, शशिकला की बेहद करीबी थी. जयललिता के निधन के बाद उनका सीएम बनना तय था लेकिन किस्मत ने ऐसी करवट बदली कि एक करप्शन केस ने उनके राजनीतिक करियर को ही ख़त्म कर दिया था. शशिकला अब बेंगलुरू की एक जेल में बंद हैं.

उन्होंने कहा, ‘मैं 14 अगस्त 1980 को माइलापुर में जयललिता के घर में पैदा हुई थी लेकिन मेरे जन्म को सीक्रेट रखा गया क्योंकि उस दौर में समाज इतना उदार नहीं था कि एक पॉलिटिशयन सिंगल मदर को अपना पाता. एक धार्मिक, कट्टरपंथ और कल्चर ब्राह्मण फ़ैमिली का हिस्सा होने के चलते भी जयललिता के परिवार ने मेरे जन्म को सीक्रेट ही रखने की कोशिश की.’

अमृता ने ये भी मांग की है कि जयललिता के शरीर को खोदकर निकाला जाए और उनके शरीर को वैष्णव ब्राह्मण रीति-रिवाज़ों के अनुसार दाह संस्कार किया जाना चाहिए. इससे पहले भी अमरूथा ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सुप्रीम कोर्ट जज और सीबीआई को लिखे गए पत्रों में भी कुछ इसी तरह के दावे किए थे.

Source: Hindustan Times