स्मार्टफ़ोन के ज़रिए अब ट्रांज़ैक्शन बेहद आसान हो गये. चाहे बिल भरना हो, शॉपिंग करनी हो या खाना ऑर्डर करना हो, बस एक क्लिक से ही काम हो जाता है. एक तरफ़ टेक्नॉलॉजीने ज़िन्दगी आसान कर दी है तो दूसरी तरफ़ अपराध भी बढ़ गये हैं. ऑनलाइन फ़्रॉड, स्कैम दिन-प्रतिदिन बढ़ने लगे हैं.
सविता को पिछले हफ़्ते फ़ेसबुक पर एक बेहद दिलचस्प ऑफ़र नज़र आया. ये ऑफ़र सदाशिवनगर के एक रेस्टोरेंट का था. ये रेस्टोरेंट 250 रुपये में 2 मुफ़्त थाली दे रहा था.
सविता को पेमेंट करने का लिंक मिला, सविता ने अपना डेबिट कार्ड डिटेल और पिन दे दिया. कुछ ही देर में सविता के पास एक एसएमएस आया जिसमें लिखा था कि उसके अकाउंट से 49,996 रुपये डेबिट हो गये हैं. सविता ने वापस विज्ञापन में दिया नंबर डायल किया पर वो स्विच्ड ऑफ़ था.
मुफ़्त का खाना तो मिला नहीं उल्टे सविता को काफ़ी सारे पैसे गंवाने पड़े. बैंक, पेमेंट एप्स बार-बार ये हिदायत देते हैं कि अपना पिन और वन टाइम पासवर्ड, अकाउंट की जानकारी किसी को न दें.