लगभग दो हफ़्ते पहले काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के ‘संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान’ संकाय में प्रोफ़ेसर फ़िरोज़ की नियुक्ति हुई जिससे विश्वविद्यालय के कई छात्र दुखी हो गए. इतने ज़्यादा दुखी कि विरोध प्रदर्शन पर उतर आए. अपनी मांगों पर अड़े इन छात्रों ने पहले तो यज्ञ-हवन किया पर फिर गुस्से में कुलपति की गाड़ी पर खाली बोतल फेंक दी.
इस सब से दुखी होकर प्रोफ़ेसर फ़िरोज़ बनारस छोड़ अपने घर चले गए. अब डॉक्टर फ़िरोज़ के समर्थन में विश्वविद्यालय के कई छात्र उतर आए हैं.
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‘डॉ. फ़िरोज़ ख़ान हम तुम्हारे साथ हैं’, ‘धार्मिक नफ़रत मुर्दाबाद’ के नारों के साथ काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर कुछ छात्र इक्ठा हुए और प्रोफ़ेसर फ़िरोज़ के लिए मार्च निकाला.
ये शांति मार्च NSUI, AISA, Youth for Swaraj जैसे आउटफ़िट्स की Joint Action Committee द्वारा निकाला गया. छात्रों का कहना था कि ये मार्च पहले से तय नहीं था पर अगर प्रोफ़ेसर की बहाली नहीं हुई तो वो एक बड़ा मार्च निकालेंगे.
रिपोर्ट्स के अनुसार छात्र वीसी से मिले और विश्वविद्यालय का पूरे मामले पर मत पूछा. जिस पर विश्वविद्यालय शासन प्रबंध ने कहा कि फ़िरोज़ ख़ान की एसवीडीवी में नियुक्ति में कुछ ग़लत नहीं है.
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पॉलिटिक्ल साइंस में PhD कर रहे NSUI के सदस्य विकास ने The Indian Express को बताया,
‘हम अपने शांति मार्च से ये कहना चाहते हैं कि पंडित मदन मोहन मालविय द्वारा स्थापित इस विश्वविद्यालय में प्रोफ़ेसर फ़िरोज़ खान का स्वागत है. इस समस्या का कोई समाधान निकालना ही होगा. जो छात्र फ़िरोज़ ख़ान का विरोध कर रहे हैं उनकी सोच जाति के आधार पर भेदभाव वाली है. हमने विरोध कर रहे छात्रों से कहा कि उनको सद्बुद्धि मिले और कक्षाएं आराम से चलें. बाहर एक ग़लत संदेश जा रहा है कि BHU के सारे छात्र प्रोफ़ेसर फ़िरोज़ ख़ान के ख़िलाफ़ हैं. 10-20 छात्र पूरे BHU का प्रतिनिधित्व नहीं करते और हम लोगों से यही कहना चाहते हैं.’
हम उम्मीद करते हैं कि पूरी समस्या का समाधान जल्द से जल्द निकले.
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