भुवनेश्वर शहर को उसके प्रसिद्ध मंदिरों के लिए जाना जाता है. इन दिनों एक अच्छी वजह से ये शहर सुर्ख़ियों में है. रूढ़िवादिता को तोड़ते हुए, भुवनेश्वर की दुर्गा पूजा कमिटी ने ट्रांसजेंडर्स को पंडाल में पूजा करने के लिए आमंत्रित किया है.

ये निर्णय ट्रांसजेंडर समुदाय को समाज में घुलने-मिलने में मदद करेगा. आयोजकों ने बताया कि ऐसा कर के वो मुख्य समाज से ट्रांसजेंडर्स को जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं. सामाजिक उत्सवों में उन्हें शामिल कर के इस दूरी को मिटाया जा सकता है.

कमिटी के मुखिया गणेश साहू ने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट उनके अधिकारों को मान्यता दे चुका है, तो उनके अधिकारों को नकारने वाला समाज कोई नहीं है. उनके साथ होने वाले भेद-भाव को ख़त्म करने के लिए ये कदम उठाया जा रहा है. अभी भी लोगों की मानसिकता इन्हें लेकर खुली नहीं है, यही वजह है कि इस तरह के प्रयासों की समाज को बहुत ज़रूरत है. अष्टमी के दिन उन्हें सभी के साथ पूजा करने के लिए आमंत्रित किया गया है.

ट्रांसजेंडर समुदाय की सदस्य श्रीदेवी किन्नर ने इस पर कहा कि पहले जब भी वो किसी पूजा के पंडाल में जाती थीं, तो लोग उन्हें अजीब निगाहों से देखते थे. इससे हमें अपमानित और असहज महसूस होता था. उनको उम्मीद है कि इस तरह के कदम से लोगों का नज़रिया बदलेगा.

ये एक बेहद सराहनीय कदम है. ट्रांसजेंडर्स को हमेशा से समाज में भेदभाव झेलना पड़ा है. अब सरकार भी उनके अधिकारों को मान्यता देकर उन्हें समाज से जोड़ने की कोशिश कर रही है. लेकिन असली बदलाव तभी आ सकता है, जब लोग अपनी सोच बदलेंगे और उन्हें इंसानों की तरह देखना शुरू करेंगे.

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