कई बार जब सरकारें सारी सीमाएं लांघ जाती है तो जनता को अपने हितों की रक्षा करने के लिए सड़कों पर उतरना पड़ता है. मानव सभ्यता के हर काल में जनता सत्ता में बैठे लोगों से लड़ने को मजबूर रही है. और 2020 इस मामले में कुछ अलग नहीं रहा है. एक वैश्विक महामारी के बावज़ूद लोगों ने सड़कों का रुख किया ताकि उनकी आवाज़ सुनी जाए. 

चलिए एक नज़र डालते हैं उन प्रदर्शनों पर जिन्होंने 2020 में सारी दुनिया का ध्यान अपनी तरफ़ खींचा:  

1. CAA-NRC के खिलाफ़ आंदोलन

देश के हर हिस्से से लोग सड़कों पर आए और इसके खिलाफ़ जम कर प्रदर्शन किया. सभी के लिए सामान नागरिक अधिकारों की वकालत करते हुए सभी ने अपनी आवाज़ बुलंद की. इन विरोध प्रदर्शनों के बीच शाहीन बाग़ काफ़ी मशहूर हुआ और इस ने पूरी दुनिया का ध्यान आकर्षित किया.

2. किसानों का विरोध -प्रदर्शन

ये आंदोलन जो आज भी जारी है, नए कृषि क़ानूनों के लागू किये जाने के खिलाफ़ है. सरकार इसे लागू करने पर अड़ी हुई है, जबकि किसान यूनियनों ने इसे ‘कृषि-विरोधी क़ानून’ करार दिया है. फ़िलहाल किसान दिसंबर की सर्दी और महामारी के दौर में दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहें हैं.

3. चीन के खिलाफ़ हांगकांग में विरोध

हांगकांग स्वायत्ता चाहता रहा है जबकि चीन उसपर अपना आधिपत्य जमाना चाहता है. इसी कड़ी में चीन ने हांगकांग के साथ एक प्रत्यर्पण संधि की, जिसकी मदद से हांगकांग निवासियों पर चीन में मुक़दमा चलाया जाना संभव हो गया. इसके विरोध में पूरे शहर में कई महीनों तक जोरदार प्रदर्शन हुए. इनमें से कई हिंसक भी हो उठे.  

4. अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर प्रदर्शन 

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर इस साल लाखों लोगों ने सड़क पर आकर लैंगिक समानता, महिलाओं के ख़िलाफ़ हिंसा, भेदभाव, गर्भपात विरोधी क़ानून जैसे मुद्दों पर विरोध प्रदर्शन किया. चिली, मैक्सिको, पाकिस्तान, फ्रांस, तुर्की, संयुक्त राज्य अमेरिका, फ़िलीपींस सहित कई देशों में व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए. 

5. वर्चुअल क्लाइमेट स्ट्राइक

इसका आयोजन ग्रेटा थुनबर्ग और वैनेसा नकाते जैसी कार्यकर्ताओं ने किया जो जलवायु परिवर्तन के ख़तरों से दुनिया को आगाह करते रहें हैं. जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए ठोस उपायों की मांग करने वाला ये विरोध-प्रदर्शन सड़कों पर आयोजित होने वाला था, लेकिन महामारी के कारण इस साल प्रदर्शनकारियों ने सोशल मीडिया पर अपना विरोध 

6. अमेरिका में नस्लीय भेदवाद के चलते Ahmed Arbery को गोली मार दी गई, जिसके विरोध में हुए प्रदर्शन

‘I Run With Maud’ के नारों से अमेरिका में तब प्रदर्शन होने शुरु हो गए जब सुबह जॉगिंग करते हुए एक अश्वेत व्यक्ति को गोली मार दी गई. दो गोरे अमेरिकन द्वारा इस हत्या के बाद विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए, जिसमें जिसमें हजारों लोगों ने सड़कों पर उतरकर न्याय की मांग की और अमेरिका में अश्वेत लोगों के खिलाफ़ हिंसा के बारे में लोगों को जागरूक किया.

7. अमेरिका में George Floyd हत्याकांड के बाद हुए व्यापक विरोध प्रदर्शन

Black Lives Matter विरोध प्रदर्शनों ने एक बार फ़िर तब सुर्खियां बटोरीं जब पुलिस अधिकारियों द्वारा एक अश्वेत व्यक्ति की गर्दन पर पैर रखकर मार देने का वीडियो सामने आया. Derek Chauvin नाम के एक पुलिस अधिकारी ने लगभग नौ मिनट तक George Floyd की गर्दन पर घुटने टेके रखे जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गयी. वीडियो जारी होने के बाद काफ़ी उग्र विरोध प्रदर्शन हुए. हज़ारों लोगों ने सड़कों पर हंगामा किया और पुलिस को ज़िम्मेदार ठहराते हुए काले लोगों को न्याय दिलाने की मांग की. 

8. पूरी दुनिया में फैल गया Black Lives Matter आंदोलन  

अमेरिका में शुरू हुआ Black Lives Matter आंदोलन जल्द ही पूरी दुनिया में फैल गया, जिसमें लाखों लोगों ने नस्लीय भेदभाव और हिंसा का जमकर विरोध किया. लोगों ने अपनी-अपनी सरकारों से ऐसे मामलों पर ध्यान देने और ठोस नियम-क़ानून लाने की मांग की. साथ ही नस्लीय भेदभाव को बढावा देने वाले नेताओं की मूर्तियों को नीचे गिरा दिया गया.

9. पोलैंड में महिलाओं के गर्भपात पर प्रतिबंध लगाने के बाद हुआ ज़ोरदार विरोध-प्रदर्शन

पोलैंड की दक्षिणपंथी सरकार ने एक ऐसा क़ानून पारित किया था जिसके तहत देश में होने वाले सभी गर्भपातों पर प्रतिबंध लगा दिया गया. इसके बाद इतना ज़ोरदार विरोध-प्रदर्शन हुआ जिसने सरकार को अपने घुटनों पर ला दिया. 100,000 से अधिक लोगों ने, ख़ासकर महिलाओं ने सड़कों पर मार्च निकाला, ये मांग करते हुए कि सरकार इस क़ानून को वापस ले. 

10. संभावित तख़्तापलट के खिलाफ़ थाईलैंड में Rubber Duck विरोध-प्रदर्शन

थाई प्रदर्शनकारियों ने एक संभावित तख़्तापलट के खिलाफ़ सड़कों पर Rubber Duck ले कर प्रदर्शन किया. Rubber Duck विरोध का प्रतीक था. विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले युवाओं ने एक नए संविधान, राजशाही में सुधार और प्रधानमंत्री के इस्तीफ़े की मांग की.

11. ईरान में पेट्रोल-डीज़ल के दामों में हुई वृद्धि के खिलाफ़ हुए प्रदर्शन 

पेट्रोल-डीजल के दामों में 50% -200% की वृद्धि के कारण ये विरोध प्रदर्शन हुए जिसमें ईरान की सरकार को उखाड़ फेंकने की बात की गयी. कई महीनों तक चलने वाले ये प्रदर्शन देश भर में हुए और कई जगह काफ़ी हिंसा भी हुई.

12. बेलारूसी राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको के खिलाफ़ फूटा लोगों का गुस्सा 

ये विरोध प्रदर्शन 2020 के राष्ट्रपति चुनावों की प्रतिक्रिया के रूप में शुरू हुआ, जिसमें राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको छठी बार देश के राष्ट्रपति बनना चाहते थे. चुनाव में हेर-फेर के आरोप लगे और पूरा चुनाव संदिग्ध रहा. विरोधी नेताओं को जेल में डाल दिया गया या फ़िर उनका नामांकन पत्र ख़ारिज कर दिया गया. राष्ट्रपति की मुख्य विरोधी, Sviatlana Tsikhanouskaya, ने 60-70% वोट प्राप्त करने का दावा किया. कुछ दिनों बाद यूरोपीय संघ ने भी चुनावों की वैधता को ख़ारिज कर दिया. 

13. तुर्की में महिलाओं के साथ होने वाली हिंसा के खिलाफ़ प्रदर्शन

महिलाओं के साथ होने वाली हिंसा के विरोध में देश भर की हज़ारों महिलाओं ने सड़कों पर अपना विरोध दर्ज़ किया. तुर्की के अलग-अलग शहरों में हुए ये प्रदर्शन सरकार को इस मुद्दे पर किये गए अंतरराष्ट्रीय समझौते का पालन करने के लिए और उसे बनाये रखने की मांग कर रहे थे.

2020 में भी लोग अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ने से पीछे नहीं हटे. 

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