बिहार की शिक्षा व्यवस्था से हर कोई वाकिफ़ है. बोर्ड एग्ज़ाम में होने वाली नक़ल या फिर वहां के कथित टॉपर्स सब सुर्ख़ियों में रहते हैं. लेकिन ये खबर थोड़ी अलग है. खबर है कि पटना हाई कोर्ट ने बीते बुधवार को बिहार स्कूल परीक्षा बोर्ड (बीएसईबी) पर 10वीं कक्षा की एक होशियार छात्रा को ग़लत नंबर देने के के लिए 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया.
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हाई कोर्ट की बेंच ने बीएसईबी को ये आदेश तब दिया, जब इस बात की पुष्टि हो गई कि 10वीं की छात्रा और याचिकाकर्ता प्रियंका सिंह जवाब दिये थे. सही जवाब देने के बावजूद लापरवाही बरतते हुए प्रियंका को कम अंक दिए गए थे. प्रियंका ने अपनी याचिका में बताया कि उसको संस्कृत में 100 में से 9 अंक और विज्ञान में 80 में से 29 अंक दिए गए.
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इस मेधावी छात्रा ने हाई कोर्ट में याचिका दायर करते हुए दावा किया था कि बीएसईबी ने परीक्षा में उसके साथ अन्याय किया है और उसको न्याय चाहिए. याचिका पर अमल करते हुए कोर्ट ने प्रियंका को 40 हज़ार रुपये जमा करने को कहा था और बता दिया था कि अगर दोबारा कॉपी चेक होने के बाद उसके द्वारा किये गए दावे ग़लत सिद्ध हुए तो उसके 40 हज़ार रुपये ज़ब्त हो जाएंगे.
इसके बाद जब बीएसईबी ने प्रियंका की कॉपी फिर से चेक की, तो प्रियंका को संस्कृत में 80 और विज्ञान में 61 अंक दिए गए. इसके साथ ही बीएसईबी ने इस बात को भी स्वीकारा कि प्रियंका की उत्तर पुस्तिका का पहले अच्छे तरीके से मूल्यांकन नहीं किया गया था.