बिहार की शिक्षा व्यवस्था की हालातों से तो आप परिचित होंगे. अकसर बिहार के शिक्षा विभाग की ओर से होने वाली गड़बड़ियों की ख़बरें तो हम सब पढ़ते ही रहते हैं. अब हाल ही में ऐसी ही एक ओर घटना सामने आ रही है, जिसमें इंग्लिश ऑनर्स के स्टूडेंट को परीक्षा देने के बाद मनोविज्ञान (Psychology) का प्रमाण पत्र दिया गया.

इस छात्र का नाम मोहम्मद तबरेज है, जिसने मुजफ्फरपुर स्थित भीमराव आंबेडकर बिहार यूनिवर्सिटी (BRABU) से बीए पार्ट-1 की परीक्षा दी थी, लेकिन जब उसका रिज़ल्ट आया तो वो हैरान रह गया. मोहम्मद तबरेज ने बीए इंग्लिश ऑनर्स का पेपर दिया था, लेकिन मार्क्सशीट में उसे साइकोलॉजी में पास दिखाया गया. अब मोहम्मद तबरेज परेशान है कि वो क्या करे खुश हो या दुखी.

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तबरेज बेतिया स्थित राम लखन सिंह यादव कॉलेज से बीए की पढ़ाई कर रहे हैं. सबसे बड़ी बात है कि जिस विषय को तबरेज़ ने न ही चुना और न ही उसकी परीक्षा दी फिर भी उसको साइकोलॉजी में डिस्टिंग्शन के साथ पास किया गया है.

तबरेज ने बताया, 

‘मैंने इंग्लिश ऑनर्स की परीक्षा दी थी, जबकि भूगोल और इतिहास मेरे सब्सिडियरी विषय थे. लेकिन रिजल्ट में दिखाया गया कि मैं साइकोलॉजी ऑनर्स में पास हुआ. यही नहीं, मुझे साइकोलॉजी विषय के प्रैक्टिकल पेपर में भी पासिंग मार्क्स दिए गए.’

बिहार के भातवालिया गांव के एक निवासी तबरेज़ ने कहा कि जब इस गड़बड़ी को लेकर अपने कॉलेज के एग्जाम विंग से संपर्क किया तो कॉलेज की ओर से उनको जवाब दिया गया कि ये यूनिवर्सिटी की ग़लती है. और उनको मुजफ्फरपुर स्थित BRABU से संपर्क करने की सलाह दी गयी, जो 128 किलोमीटर दूर है.

‘यहां तक कि BRABU कर्मचारी भी अपनी ग़लती को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं और वो दावा करते हैं कि मैंने परीक्षा फ़ॉर्म को ग़लती से भर दिया था. उनकी बात को ग़लत साबित करने के लिए मैंने अपना एडमिट कार्ड दिखाते हुए कहा कि ये कैसे संभव हो सकता है?’

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इसके साथ ही तबरेज़ ने कहा कि वो अकेले नहीं हैं जिसकी मार्कशीट में गड़बड़ी हुई है. BRABU की इस तरह की “विचित्र अंकन प्रणाली” के और भी छात्र शिकार हुए हैं, जो वहां पर अपनी मार्कशीट को ठीक कराने के लिए इधर-उधर घूम रहे थे. उसने कहा, ‘ये कुछ और नहीं, बल्कि कुप्रबंधन है, हैरानी की बात तो ये है कि वहां इन गड़बड़ियों को सुधारने में कोई भी मदद नहीं कर रहा है.’

राम लखन सिंह यादव कॉलेज के एक गैर-शिक्षण कर्मचारी ने कहा कि यहां 40% परीक्षार्थियों की मार्कशीट में ग़लतियां थीं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं मनैजमेंट के रिकार्ड्स में एक बड़ी संख्या में छात्रों को अनुपस्थित दिखाया गया है, जबकि उन सबने एग्ज़ाम दिया है.

ऐसा ही कुछ हुआ रमेश पासवान के साथ जिनको हिस्ट्री ऑनर्स के एक एग्ज़ाम में अनुपस्थित होने के कारण फ़ेल किया गया हैं. जबकि पासवान का दावा है कि वो परीक्षा में उपस्थित हुए थे. वहीं मनोज श्रीवास्तव नाम के स्टूडेंट को हिस्ट्री के बजाय इकोनॉमिक्स में मार्क्स दिए गए हैं, जिसे उन्होंने एक सब्सिडियरी पेपर के तौर पर पेश किया था.” कॉलेज के एक कर्मचारी ने ही ये जानकारी दी.

कॉलेज के कार्यवाहक प्राचार्य इम्तियाज शम्स ने कहा कि कॉलेज यूनिवर्सिटी से सही परिणाम प्राप्त करने की कोशिश कर रहा है.

पिछले साल बोर्ड परीक्षा के दौरान हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के टॉपर्स रूबी राय सहित तीन और शीर्ष के टॉपर्स के रिज़ल्ट में गड़बड़ियों के चलते एक अदालत ने उनकी गिरफ्तारी का वारंट जारी किया था. आपको याद ही होगा कि टॉपर रूबी राय ने पॉलिटिकल साइंस में टॉप किया था, लेकिन उसको यही नहीं पता था कि पॉलिटिकल साइंस है क्या. इसके बाद ही बिहार स्कूल एजुकेशन बोर्ड (बीएसईबी) से जुड़े एक बड़े परीक्षा रैकेट का खुलासा हुआ था. जिसके बाद बिहार की सुधरती शिक्षा व्यवस्था के दावों पर सवालिया निशान लग गया था.