उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ रेप केस की बर्बरता के बाद से पूरे प्रदेश में लोगों का आक्रोश फूट रहा है. आश्चर्य की बात ये है कि कोई ढाई साल की बच्ची के साथ इतनी क्रूरता कैसे कर सकता है कि चंद हज़ार रुपयों के लिए (कथिततौर पर) उसका बलात्कार किया, उसके शरीर के टुकड़े किये और तब भी मन नहीं भरा तो उस पर एसिड डालकर उसको जलाया. लगभग 30 घंटों तक उस मासूम को प्रताड़ित किया. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ये मामला अलीगढ़ के टप्पल गांव का है. इस केस पर हर कोई बयानबाज़ी कर रहा कोई इसको धर्म के नाम पर कठुआ रेप केस से जोड़ रहा है, तो कोई इस पर विवादित बयान दे रहा है.
अब उत्तर प्रदेश में बीजेपी मंत्री उपेंद्र तिवारी ने बलात्कार पर जो बयान दिया है, वो शायद आपका भी ख़ून खौला देगा. उपेंद्र तिवारी ने अपने बयान में रेप की अलग प्रकृतियों को ही बता दिया है.
Hindustantimes के अनुसार, तिवारी ने कहा है कि हर रेप का अलग नेचर (प्रकृति) होता है. उनके बयान के हिसाब से अगर नाबालिग के साथ रेप हुआ हो तो हम उसे रेप मानेंगे, मगर 7-8 साल प्रेम संबंध में रहने के बाद कोई रेप का आरोप लगाएगा, तो सवाल तो उठेंगे ही.
#WATCH UP Minister Upendra Tiwari: Dekhiye rape ka nature hota hai, ab jaise agar koi nabalig ladki hai uske sath rape hua hai toh usko to hum rape manenge, lekin kahin-kahin pe ye bhi sunne ko aata hai ko ki vivahit mahila hai, umar 30-35 saal hai….uska alag-alag nature hai pic.twitter.com/Ou1AMPsvGB
— ANI UP (@ANINewsUP) June 9, 2019
Hindustantimes में छपी रिपोर्ट के मुताबिक़, प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ़ बढ़ते क्राइम पर पत्रकारों से बात करते हुए जब मंत्री जी से अलीगढ़ रेप केस पर उनकी प्रतिक्रिया पूछी गई, तो उन्होंने कहा,
‘रेप का अलग-अलग नेचर होता है. अब जैसे कोई नाबालिग लड़की है, उसके साथ रेप हुआ है तो उसको तो हम रेप मानेंगे, लेकिन कहीं-कहीं यह भी सुनने में आता है कि विवाहित महिला है, उम्र 30-35 साल है. कई बार 7-8 साल से प्रेम संबंध चल रहा है, मगर आरोप लगाते हैं कि मेरे साथ रेप हुआ है, तो ये सवाल होता है कि 7 साल पहले इस बारे में सोचना चाहिए था. तो अलग-अलग नेचर होता है रेप का.’
तिवारी का ये कमेंट आया है जब उत्तर प्रदेश में बलात्कार की घटनाओं में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, जिसमें कुछ हज़ार के लिए ढाई साल की बच्ची का रेप और मर्डर का केस भी शामिल है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस केस के मुख्य आरोपी ज़ाहिद को पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया है.
इसके अलावा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ख़िलाफ़ कथित रूप से आपत्तिजनक बयान देने के लिए एक पत्रकार की गिरफ़्तारी का ज़िक्र करते हुए तिवारी ने कहा,
ये पत्रकार ज़िम्मेदार हैं हर उस बात के लिए जिसे ये ख़बर के रूप में प्रसारित करते हैं.
इसके ही तिवारी ने कहा,
‘हर मीडिया पर्सन को सोशल मीडिया पर कुछ भी शेयर करने से पहले तथ्यों की जांच करनी चाहिए. अगर महिला के पास अपने दावों को साबित करने के लिए कोई तथ्य है, तो उसे उन सबूतों को दिखाने दें.’
बता दें कि एक फ़्रीलांस जर्नलिस्ट, प्रशांत कनौजिया को उत्तर प्रदेश पुलिस ने बीते शनिवार को सोशल मीडिया पर ‘मुख्यमंत्री आदित्यनाथ के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक टिप्पणी करने और अफ़वाह फैलाने के लिए गिरफ़्तार किया गया था. कथित तौर पर प्रशांत कनौजिया ने ट्विटर पर एक वीडियो अपलोड किया था जिसमें एक महिला को योगी आदित्यनाथ के बारे में कुछ दावे करते हुए सुना गया है. कनोजिया ने वीडियो के साथ एक टिप्पणी पोस्ट की थी, जिसमें लिखा था, “इश्क छुपता नहीं छुपाने से योगी जी.”
समझ नहीं आता कि इन नेताओं को इस तरह के विवादित बयान देने से पहले ज़रा भी ख़्याल नहीं आता कि वो क्या बोल रहे हैं. बलात्कार तो बलात्कार है, इसके अलग अलग प्रकार कहां से हो गए? क्या आपके पास जवाब है इसका?