देश में गाय के लिए कुछ तथाकथित ‘देशभक्तों’ के प्रेम से शायद ही कोई अनजान हो. आलम ये है कि गाय के नाम पर लोगों को मार-काट दिया जाता है और हम पोस्ट, हैशटैग में उलझे रहते हैं.


गऊ प्रेम का अनोखा उदाहरण पेश किया है असम से भारतीय जनता पार्टी के सिलचर के विधायक, दिलीप कुमार पॉल ने. सिलचर से दो बार विधायक चुने गए दिलीप ने एक प्रोग्राम के दौरान कहा,   

North East Now
आधुनिक वैज्ञानिकों ने ये साबित किया है कि अगर हम गायों के सामने भगवान कृष्ण की बांसुरी की ख़ास धुन बजाते हैं तो गायों के दूध की मात्रा बढ़ जाती है. 

-दिलीप कुमार पॉल

Hindustan Times की रिपोर्ट के अनुसार जब दिलीप से पूछा गया कि किस शोध में इस बात की पुष्टि हुई तो उन्होंने कहा कि गुजरात के NGO ने कुछ साल पहले रिसर्च किया था और बांसुरी की धुन और दूध की मात्रा के कनेक्शन को साबित किया था. 

Science Based Medicine
विदेशी ब्रीड्स जो दूध देती है वो पूरी तरह सफ़ेद होता है देसी गाय का दूध हल्का पीला होता है और यही ज़्यादा पौष्टिक और स्वादिष्ट होता है. भारतीय गायों के दूध से बने चीज़, मक्खन विदेशी ब्रीड्स से अच्छा होता है. 

-दिलीप कुमार पॉल

विधायक ने भारत से बांग्लादेश में होने वाली गायों की तस्करी पर भी चिंता ज़ाहिर की.


Indian Express की रिपोर्ट के अनुसार, दिलीप ने ये बात सिलचर के Folk Festival के उद्घाटन में कही.   

ये पुराने समय का विज्ञान है और हम इस तकनीक को इस समय में वापस लाएंगे. 

-दिलीप कुमार पॉल

Hindustan Times

दिलीप कुमार ने ये भी कहा कि वो कोई वैज्ञानिक नहीं हैं पर उन्हें प्राचीन भारतीय तथ्यों का ज्ञान है और आज के वैज्ञानिक भी उन थ्योरीज़ पर यक़ीन करने लगे हैं.


Hindustan Times की रिपोर्ट के अनुसार, 2001 में University of Leicester में हुए एक शोध में पाया गया कि गाय जब सॉफ़्ट, स्लो म्यूज़िक सुनती हैं तो वो 3% अधिक दूध देती है.