‘तेरे सवेरों की क़ीमत मेरी रातों ने चुकाई है
पैदल घर जाते लाखों मज़दूर देखे, रेल की पटरी पर खून से सनी रोटियां देखीं, गाड़ियों से रौंदी गई लाशें, उजड़ते परिवार, उधड़ते तलवे, बच्चों की डबडबाती आंखें, मांओं की बेबसी, लाशों के बगल में लेटे मरीज़ और वो सबकुछ देखा, जो इस सदी की पैदाइश ने पहले कभी नहीं देखा-सुना होगा.
देश कोरोना महामारी और उसकी वजह से पैदा हुए संकटों से क़राह रहा है. हर तरफ़ बेबसी और लाचारी फैली है. आर्थिक गतिविधियां ठप हैं, रोज़गार ख़त्म हो चुका है, बेसहाराओं को छत और बीमारों को इलाज नसीब नहीं है. ऐसे वक़्त में भारतीय जनता पार्टी ने बिहार में इस साल के आख़िर में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र ‘वर्चुअल रैली’ के आयोजन का फ़ैसला किया है.
When joblessness is at an all time high, economy is at an all time low, when migrant labourers and their families are struggling to have one meal a day…
— Ravi Nair (@t_d_h_nair) June 7, 2020
BJP had organised 72,000 LED screens for Amit Shah’s virtual rally to start party’s election campaign in Bihar!! pic.twitter.com/8w3kVlv50v
इसे ‘बिहार जनसंवाद’ नाम दिया गया है. इस वर्चुअल रैली का उद्देश्य लाखों लोगों तक पहुंचना है, जिसके लिए राज्यभर में हज़ारों एलईडी स्क्रीन की व्यवस्था की गई है. ये इंतज़ाम ख़ासतौर से उन लोगों के लिए किया गया है, जिनके पास स्मार्टफ़ोन और इंटरनेट की सुविधा नहीं है.
संकट के दौर में सत्ताधारी पार्टी के इस तरह के क़दम की लोग आलोचना कर रहे हैं. विपक्ष का दावा है कि इस आयोजन में 72 हज़ार स्क्रीन लगाने में 144 करोड़ रुपये की लागत आई है.
आलोचना की सबसे बड़ी वज़ह ये है कि देश में लाखों की संख्या में प्रवासी मज़दूर पैदल अपने घर-गांव को लौटने को मजबूर हैं. इनके पास न खाना है और न ही रोज़गार. ऐसे वक़्त में हमारे देश की पॉलिटिकल लीडरशिप उनकी मदद करने के बजाय नंगे जिस्मों को डिज़िटिल इंडिया की चादर से ढकने के काम में लग गई है.
PM CARE fund established
— Diwakar Yadav (@diwakarchiku) June 7, 2020
RTI denied
72000 LED screen in digital rally for bihar election
#ModiBetrayedIndia pic.twitter.com/wHzDH5tVZa
Can someone calculate rent for 72000 LED ?
— Vikram Saxena (@avsviks) June 8, 2020
Is #PMCaresFunds are for campaign & road show with Lights, Camera & Action?? Just 72000 Led 🙏🏻#ModiBetrayedIndia pic.twitter.com/s1kv809ljs
— Yuva Gaurav Khadye (@YuvaGauravK) June 7, 2020
I guess this was what the PM Care Fund was for or was it for 72000 LED’s? pic.twitter.com/S7BWLGRtuV
— Thor62 (@KThor62) June 8, 2020
A state where thousands of penniless migrants returned frm all over the country .A state which is under the burden of feeding and giving employment to millions,all of a sudden is spending money on 72000 LED.What else can make someone more upset than such kind of disturbing news? pic.twitter.com/S2aQkyPpBN
— KD Jhaa (@KDJhaMRA) June 7, 2020
Hard to believe that a party that could organise 72000 LED screens and carry off a virtual election rally perfectly could fumble so badly when it came to sending migrant labour back home systematically
— Prosenjit Datta (@ProsaicView) June 8, 2020
Demand : ₹72000 in every deserving citizen’s account.
— deshraj meena (@deshraj14894177) June 8, 2020
Supply : 72000 LED screen pic.twitter.com/3PnxIySpwK
हालांकि, बीजेपी ने इन आरोपों को ख़ारिज़ किया है. पार्टी कहना है कि इतनी ज़्यादा स्क्रीन नहीं लगाई गई हैं और न ही उसकी लागत इतनी आई है. एक रिपोर्ट के मुताबिक़, 20 हज़ार एलईडी स्क्रीन लगी हैं. वहीं, अन्य रिपोर्ट में 10 हज़ार एलईडी स्क्रीन और 50 हज़ार टीवी स्क्रीन लगाने की बात सामने आई है.
ये आंकड़ा कुछ भी हो, लेकिन एक बात साफ़ है कि बड़ी संख्या में स्क्रीन लगी हैं और इसके लिए एक बड़ा अमाउंट खर्च किया गया है. इस पैसे का इस्तेमाल राज्य के लोगों की मदद के लिए किया जा सकता था, क्योंकि घर लौटे प्रवासी मज़दूरों में बड़ी संख्या बिहार के लोगों की है.
Our team distributed Food packets including snacks and water bottles to Migrant workers at YMCA grounds Mumbai.
— Waris Pathan (@warispathan) May 31, 2020
They all are waiting to return to their hometown Bihar. pic.twitter.com/VfBpoMREQx
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि ये वर्चुअल संबोधन चुनाव के लिए नहीं हैं. उन्होंने कहा, ‘रैली का चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है. बीजेपी लोकतंत्र में विश्वास करती है. कोरोना संकट में हम सार्वजनिक संपर्क की अपनी परंपरा को नहीं भूल सकते.’
पर सवाल ये है कि अगर ऐसा है तो फिर सिर्फ़ बिहार में ही इस परंपरा का पालन क्यों हो रहा है? बाकी राज्यों को भी इस महान परंपरा से जोड़ा जाए.
Today, Shri @AmitShah ji addressed the people of Bihar through video conferencing.#बिहार_जनसंवाद was a unique way of reaching out to the people of Bihar while following all social distancing protocols of #Covid_19 pic.twitter.com/Y0wAyPFwFE
— Syed Shahnawaz Hussain (@ShahnawazBJP) June 7, 2020
बता दें, इस तरह की 75 रैलियों का आयोजन होना है. वैसे चुनावी रैलियों के भविष्य और नेताओं के अपने ज़मीर के लिए वर्चुअल रैलियां ठीक भी है, क्योंकि इसकी मदद से कम से कम नेता, जनता की आंखों में सीधे देखने से बच जाएंगे और जनता भी ख़ुद की क़िस्मत को नेताओं की पथराई आंखों में तलाश नहीं करेगी.