हैवानियत की सारी हदें पार कर दीं, देहरादून के बोर्डिंग स्कूल में हुई इस घटना ने. इंसान किस हद तक गिर सकता है वो बयां कर रही है ये घटना. इस बोर्डिंग स्कूल में 12 साल के छात्र की पहले हत्या की गई फिर उसे स्कूल में ही दफ़ना दिया गया. वैसे, ये घटना 10 मार्च की है, लेकिन इसने तूल तब पकड़ा, जब उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की चेयरपर्सन उषा नेगी ने इस मामले में हस्तक्षेप किया. तब 11 मार्च को इसकी कार्रवाई शुरू की गई.
देहरादून की एसएसपी ने निवेदिता कुकरेती TOI को बताया,
‘स्कूल प्रशासन मामले को छिपाने की कोशिश कर रहा था. जब एक दिन बाद 11 मार्च को हम स्कूल पहुंचे तब पूरा मामला सामने आया. विद्यालय प्रबंधन ने बिना पोस्टमॉर्टम कराए छात्र के शव को कैंपस में ही दफ़ना दिया. यहां तक कि छात्र के परिवारवालों को भी इसकी जानकारी नहीं दी गई. छात्र का नाम वासू यादव था और वो हापुड़ का रहने वाला था.’
आगे बताया कि, छात्र को न सिर्फ़ देर से अस्पताल ले जाया गया, बल्कि स्कूल स्टाफ़ ने मामले को छिपाने की भी कोशिश की. उन्होंने इसकी सूचना पुलिस को दिए बिना छात्र को कैंपस में ही दफ़ना दिया.
पुलिस ने मामले में दो आरोपी छात्रों के ख़िलाफ़ दफ़ा 302 के तहत मामला दर्ज किया है, वहीं स्कूल प्रशासन के तीन कर्मचारियों हॉस्टल मैनेजर वॉर्डन और स्पोर्ट्स टीचर पर अपराध के सबूत मिटाने के जुर्म में सेक्शन 201 तहत केस दर्ज किया गया है.
इस छात्र को जिस हैवानियत से मारा गया है, उस पर टेलीविज़न होस्ट मिनी माथुर ने ट्वीट किया. इसके बाद लोगों ने इस पर संवेदनापूर्ण और आक्रोश भरे रीट्वीट किए हैं, जो आप नीचे पढ़ सकते हैं.
This is an all time low for society, for education, humanity and childhood as we knew it
— Mini Mathur (@minimathur) March 28, 2019
Really heartbreaking. pic.twitter.com/CnVatNSopT
No one in the whole administration had the guts to stand up? Surprised how confident we have become in our ability to cover up such act.
— Akbar Ali Chowdhary (@akbarali_ch) March 28, 2019
Unbelievably horrifying! How is THIS not a national outrage?!?
— Kausar Munir (@KausarMunir) March 28, 2019
This is beyond it. Just don’t understand how and why boarding schools aren’t able to control bullying and violence. In these days of Cctv cameras …
— Soni Razdan (@Soni_Razdan) March 29, 2019
Strange to see media’s reluctance in naming this school which really deserves to be shut down.
— Namita Bhandare (@namitabhandare) March 28, 2019
आपको बता दें, कि 12वीं में पढ़ने वाले दो छात्रों ने बिस्किट का पैकेट चुराने का आरोप लगाकर छात्र को बैट और स्टंप से ख़ूब पीटा और फिर उसे वहीं छोड़कर चले गए. घायल छात्र ने कुछ देर बाद ही दम तोड़ दिया था. फिर जब उसे अस्पताल ले जाया गया, तो डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया. इसके बाद स्कूल प्रशासन ने बिना पोस्टमार्टम कराए छात्र के शव को स्कूल कैंपस में ही दफ़ना दिया.
एक स्टडी के अनुसार, हर साल 3 में से 1 छात्र स्कूल में Bullying का शिकार होता है, जो बहुत ही ज़्यादा भयानक होता है.