सपने सच्चे हों, तो बड़ी से बड़ी मुसीबत भी छोटी लगती है और उसे पार करने की ताक़त भी मिल जाती है. ऐसा ही कुछ हुआ मुक्केबाज़ निशान मनोहर कदम के साथ. दरअसल, 19 वर्षीय निशान को राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए 7 अगस्त को बेंगलुरु के लिए ट्रेन पकड़नी थी. मगर कर्नाटक में आई भीषण बाढ़ के कारण बेलागावी का मन्नूर गांव पूरा पानी से भरा हुआ था और निशान इसी गांव के रहने वाले है. यहां से जाने वाली सारी सड़कें पानी में पूरी तरह से डूब चुकी थी.

निशान के पिता किसान हैं. बाढ़ को देखकर निशान और उनके पिता को उनके जज़्बे ने हारने नहीं दिया और उन्होंने बॉक्सिंग किट को प्लास्टिक में लपेटा और 45 मिनट तक पानी में तैरकर 2.5 किलोमीटर की दूरी तय की. इसके बाद दोनों मेन रोड पर पहुंचे, जहां उनकी मुलाक़ात बेलगावी की ज़िला टीम से हो गई. इस यात्रा के 3 दिन बाद रविवार को निशान ने बेंगलुरु में सिल्वर मेडल जीता.

मेडल जीतने के बाद निशान ने TOI को बताया,
मैं इस प्रतियोगिता का काफ़ी समय से इंतज़ार कर रहा था और इसे जीतना चाहात था. हालांकि, चारों-तरफ़ पानी भर गया था और कोई भी साधन नहीं आ सकता था, इसलिए हमें तैरकर आना पड़ा. मैं अपने प्रदर्शन से ख़ुश हूं. इस बार भले ही गोल्ड मेडल नहीं जीत सका. अगले साल मैं ज़रूर गोल्ड मेडल जीतूंगा.
-निशान मनोहर क़दम

तो वहीं, टीम के मैनेजर गजेंद्र एस. त्रिपाठी का कहना है,,
बाढ़ के कारण सभी जगहों की स्थिति बहुत ही भयानक हो गई है. इसलिए कई पेरेंट्स अपने बच्चों को भी नहीं भेज रहे हैं. इसी के चलते निशान भी काफ़ी दिनों से ट्रेनिंग में नहीं आ रहा था. उसने हमें बताया कि वो तैरकर आ रहा है इसलिए हम उसका यहां इंतज़ार कर रहे थे.
आपको बता दें, इस प्रतियोगिता में 19 टीमों के 248 प्रतियोगियों ने हिस्सा लिया था. ये प्रतियोगिता तीन दिन चली थी. सिल्वर मेडल विजेता निशान उन सभी लोगों का हौसला हैं, जो परिस्थितियों के आगे घुटने टेक देते हैं.