हॉरर फ़िल्म ‘Annabelle: Creation’ देख चुके लोग इसे बेहद डरावनी बता रहे हैं. रोंगटे खड़े कर देने वाली इस फ़िल्म से जुड़ी एक दुखद घटना सामने आई है. 12वीं कक्षा के एक छात्र ने ये फ़िल्म देखने के बाद आत्महत्या कर ली है.

सृजन चौधरी नाम के इस लड़के ने फ़िल्म देखने के बाद खुद को कमरे में बंद कर लिया और फिर फांसी लगा ली. कोलकाता के कालीघाट के साउथ पॉइंट हाई स्कूल में पढ़ने वाले इस लड़के ने ऐसा क्यों किया, इस बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है.

उसने अपनी मां से केमिस्ट्री पढ़ने का बहाना करते हुए कहा था कि वो उसे अकेला छोड़ दें. इसके बाद ही उसने ये कदम उठा लिया. सृजन के माता-पिता ने बताया कि वो बाइपोलर डिसऑर्डर से ग्रसित था.

सृजन की मां ने बताया कि फ़िल्म देखने के बाद से वो अपने फ़ोन में ज़्यादा लगा रहता था. हालांकि, अभी कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है, पर ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि सृजन ने अवसाद के कारण आत्महत्या की है.

सृजन के पिता CESC इंजीनियर हैं. उन्होंने बताया कि सोमवार को लगभग 9 बजे उसने अपनी मां से फ़ोन मांगा था और ये कह कर अपने कमरे में चला गया था कि उसे पढ़ना है. सृजन की मां, जो मेट्रो रेलवे में लॉ ऑफ़िसर हैं, बगल वाले कमरे में टीवी देख रही थीं. एक घंटे बाद जब वो खाना खाने के लिए उसे बुलाने गयीं, तो उसने कोई जवाब नहीं दिया. इसके बाद उन्होंने पड़ोसियों को बुला कर दरवाज़ा खुलवाया, तो अन्दर का दृश्य देख कर उनके होश उड़ गए. सृजन ने पंखे से लटक कर फांसी लगा ली थी. उसे तुरंत रामकृष्ण मिशन सेवा प्रतिष्ठान ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया.

इस दौरान उसके पिता घर पर नहीं थे. सृजन की मां को लगता है कि सृजन द्वारा ये कदम उठाये जाने का कारण कहीं न कहीं ये हॉरर मूवी भी हो सकती है. लेकिन जिस Psychiatrist से सृजन का इलाज चल रहा था, उनका कहना है कि मूवी इसकी वजह नहीं है. जय रंजन राम ने कहा कि ऐसा बाइपोलर डिसऑर्डर के कारण हुआ होगा, इस मानसिक रोग से ग्रसित लोग अकसर ऐसा कदम उठा लेते हैं.

सृजन की मां ने बताया कि जबसे वो फ़िल्म देख कर आया था, तब से वो अपनी मां से कह रहा था कि जो भी ये फ़िल्म देखता है वो आत्महत्या कर लेता है. उन्होंने उससे कहा कि वो पढ़ाई पर ध्यान दे और फ़िल्म के बारे में इतना न सोचे. लेकिन वो फ़िल्म देखने के बाद से अजीब बर्ताव ही कर रहा था.

सृजन के टीचर और दोस्त भी ये सुन कर सदमे में हैं. इन दिनों बड़ी संख्या में बच्चे ऐसे कदम उठा रहे हैं, इसे रोकने के लिए ज़रूरी है कि ऐसी घटनाओं के पीछे की वजह जान कर उसे ठीक किया जाये.