साउथ की फ़िल्मों में वो सीन तो आपने बहुत बार देखा होगा, जब हीरो हॉस्पिटल में आखरी सांसें ले रहा होता है. हीरोइन और उसकी मां मंदिर में भगवान से लड़ रहे होते हैं ताकि वो उनके बेटे को ज़िन्दगी दे दे. और भगवान् भी यही प्रोटोकॉल फॉलो करते हुए हीरो को ज़िन्दा कर देता है. लेकिन ज़िन्दगी में हर बार ऐसा नहीं होता. हालांकि कर्नाटक के एक ज़िले में कुछ ऐसा ही फ़िल्मी सीन हो गया, जब अंतिम संस्कार के लिए ले जा रहे कुमार नाम के इस लड़के के शरीर में हरकत होने लगी और वो उठ बैठा… वो दोबारा ज़िन्दा हो गया!
कर्नाटक के धारवाड़ ज़िले के 17 साल के कुमार को कुत्ते ने काट लिया था, इस वजह से उसे तेज़ बुखार आने लगे थे. लेकिन कुछ दिनों बाद उसकी तबियत और बिगड़ने लगी, जिसके बाद उसे हॉस्पिटल ले जाया गया. हॉस्पिटल ले जाने के बाद उसकी हालत और बिगड़ गयी, तो डॉक्टरों ने उसे वेंटीलेटर पर रखने कि बात कही. लाइफ़ सपोर्ट में रखने के बाद भी उसकी हालत में सुधार नहीं आया और डॉक्टर ने कहा कि उसे अब बचाया नहीं जा सकता.
उसके परिवारवालों के पास दो ऑप्शन थे, या तो उसे वहीं रहने देते या फिर घर ले आते. वो उसे घर लेके आ रहे थे कि रास्ते में ही कुमार के शरीर में हरकत होनी बंद हो गयी और ये समझा गया कि उसकी मौत हो चुकी है. परिवार वाले उसकी अंत्येष्टि की तैयारी कर ही रहे थे कि उसके शरीर में फिर से हरकत होने लगी, उसकी सांसें तेज़-तेज़ चलने लगीं और थोड़ी देर में वो उठ खड़ा हुआ.
उसे दोबारा हॉस्पिटल ले जाया गया और दोबारा से वेंटिलेटर पर रखा गया है. डॉक्टरों का कहना है कि उसे Meningoencephalitis हुआ है, ये एक तरह का इन्फेक्शन होता है, जो कुत्ते के काटने से फैलता है.
कुमार अपने माता-पिता के साथ मज़दूरी करता है, उसने उनकी मदद करने के लिए 9वीं के बाद ही पढ़ाई छोड़ दी थी.
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