ज़रा सी सूझ-बूझ से कई बार जान बचाई जा सकती है. जैसे बेंगलुरु के पास एक गांव के चरवाहे रवि ने किया. उसका गांव मंड्या डिस्ट्रिक्ट में आता है और उसके पास ही हेमावथी नदी पर बना डैम है.

शनिवार को उसके गांव के कुछ लोग नदी के पास कपड़े धोने आये हुए थे, कि तभ से डैम से पानी छोड़ दिया गया और नदी का जलस्तर एकदम से बढ़ गया. उन्हें जब बचने के कोई आसार नहीं दिखे, तो वो मदद के लिए चिल्लाने लगे, पास में ही रवि गाय चरा रहा था. उसने जब इन लोगों की आवाज़ सुनी, तो उन्हें बचाने दौड़ा.

उसने बिना टाइम बर्बाद किये, सबसे पहले डूब रहे गांव वालों को पास के बड़े पत्थर के पास जाने को कहा, इसी बीच उसने अपने दोस्त से फायरमैन को इत्तला करने को कहा और कुछ ट्यूब और टायर ले आया.

जब तक फायरमैन आया, रवि 4 लोगों की जान बचा चुका था. Tube में हवा भर कर, रस्सी के सहारे वो बाक़ी गांववालों के पास गया और एक-एक कर उन्हें बाहर निकाल लाया. ऐसा करते हुए उसने एक भी बार अपनी जान की परवाह नहीं की. बाद में उसने फायरमैन की मदद से बाक़ी तीन गांववालों को भी सुरक्षित बाहर निकाल लिया.

रवि की सूझ-बूझ की वजह से 7 जानें डूबने से बच गयीं, सिंचाई विभाग का कहना है कि उसने अधिकारियों को पानी का स्तर बढ़ने की जानकारी पहले ही दे दी थी. लेकिन ये बात गांववालों तक नहीं पहुंची. तालुका के अधिकारियों की तरफ़ से गांववालों को समय पर जानकारी नहीं दी गयी. अगर रवि हिम्मत न दिखाता, तो ये सभी लोग अधिकारियों की गलतियों की वजह से अपनी जान गंवा चुके होते.

इलाके के तहसीलदार ने रवि का नाम Bravery अवॉर्ड के लिए भेजने का प्रस्ताव रखा है. 

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