मां से अधिक साहसी इस दुनिया में कोई नहीं. इस बात को सिद्ध कर दिखाया है, पुणे की एक महिला ने. इन्होंने अपनी जान की परवाह किए बगैर तेंदुए के मुंह से अपने 18 महीने के बच्चे को बचाया है.
ये पूरा मामला पुणे के पिंपरी चिंचवड इलाके की तालुका जुन्नर का है. इस इलाके में गन्ने की खेती अधिक की जाती है. इन दिनों गन्ना किसान खेत में खड़ी तैयार फसल काट रहे हैं. इसके लिए उन्होंने खेतों में भी अपनी झोपड़ियां डाल ली हैं.

ऐसे ही एक महिला किसान अपने 18 महीने के बच्चे के साथ खेतों में सो रही थी. रात के 1.30 बजे एक तेंदुए ने बच्चे पर हमला कर दिया. तेंदुए के गुर्राने की आवाज़ से उसकी मां जाग गई और उसने अपने हाथों से ही चीते पर वार करना शुरू कर दिया. उन्होंने मदद के लिए आवाज़ भी दी.
तेंदुए ने अपने ऊपर हमला होते देख, बच्चे की गर्दन छोड़ उसकी मां का हाथ जबड़े में भर लिया. लेकिन महिला की सुझ-बूझ और साहस के चलते तेंदुए को हार माननी पड़ी और वो गन्ने के खेतों में भाग गया.

2 बजे लोगों ने वन अधिकारियों को फ़ोन किया. वन अधिकारियों ने बच्चे और उसकी मां को पिंपरी चिंचवड के सरकारी अस्पताल में भर्ती करवा दिया. फ़िलहाल मां और बच्चा दोनों ठीक हैं. बच्चे के गर्दन और आंख पर तेंदुए के दांत के निशान हैं. महिला के भी हाथों में चोट के निशान हैं. डॉक्टर्स का कहना है कि उन्हें सोमवार तक डिस्चार्ज कर दिया जाएगा.
इस बारे में बात करते हुए वन अधिकारी बी.सी. येले ने कहा कि उन्होंने कई बार किसानों को खुले में सोने से मना किया है. क्योंकि इस इलाके में तेंदुए को अकसर देखा गया है. लेकिन फिर भी किसान मानते नहीं हैं.
वहीं किसानों का आरोप है कि उन्होंने प्रशासन से कई बार तेंदुए को पकड़ने और पिंजरा लगाने की बात कही है. लेकिन सरकार ने इस तरफ ध्यान ही नहीं दिया.