अपने देश के कुछ राज्य ऐसे हैं, जहां आज भी लड़कियों को सम्मान नहीं मिलता. हरियाणा और राजस्थान शायद इस लिस्ट में सबसे ऊपर होंगे. लेकिन राजस्थान के अलवर जिले की एक घटना ने हम सब के सोचने के तरीके को बदल दिया है.
आज तक हम सब ने कई शादियां देखी होंगी, जहां दूल्हा बारात ले कर दुल्हन के दरवाज़े पर पहुंचता है. लेकिन अलवर में जया और लोकेश की शादी इसके बिलकुल उलट हुई.
दुल्हन जया पूरे गाजे-बाजे के साथ अपने दूल्हे लोकेश के घर पहुंची. ये कोई रिवाज़ नहीं, बल्कि इस जोड़े का फ़ैसला था. लड़कियों को बराबरी का अधिकार देने की बात पर लगाई गई इस मुहर को उनके परिवार ने भी गर्मजोशी से अपनाया.
दरअसल दुल्हन जया की आंटी, जो कि एक सोशल वर्कर हैं, उन्होंने इस जोड़े को ये आइडिया दिया था. इस शादी में जया बकायदा घोड़े पर बैठ कर शादी के लिए पहुंची, जहां दूल्हे के परिवार ने बरातियों का स्वागत किया.
ये कदम उस राज्य के लिए और भी महत्वपूर्ण हो जाता है, जिस राज्य में सेक्स अनुपात काफ़ी खराब है. लड़का-लड़की के बीच अंतर देखने वालों के लिए ये शादी किसी सबक से कम नहीं. पूरी ग़ज़बपोस्ट टीम जया और लोकेश को सलाम करती है.