दुनिया तेज़ी के साथ आगे बढ़ रही है. जिन कामों को हाथों से करने में पहले घंटों लग जाया करते थे, वो अब मशीनों की मदद से चुटकियों में निपटाए जा रहे हैं. बदलावों की ये कड़ी मंदिरों में भी साफ़ तौर पर देखी जा सकती है, जहां पहले कभी भजनों की आवाज़ लोगों तक पहुंचाने के टेपरिकॉर्डर का इस्तेमाल किया जाता था, वहीं उनकी जगह आज सीडी प्लेयर और पेन ड्राइव ने ले ली है.

पर चेन्नई के पड़ापेई मंदिर में ये बदलाव यहां के प्रसाद में भी दिखाई देता है. दरअसल इस मंदिर में प्रसाद के तौर पर कोई फल या मिठाई नहीं, बल्कि बर्गर और ब्राउनी का इस्तेमाल किया जाता है.

इस बाबत मंदिर में आने वाले भक्तों के स्वास्थ्य का पूरा ध्यान भी रखा गया है, जिसके लिए मंदिर परिसर में एक वेंडिंग मशीन भी लगाई गई है. वेंडिंग मशीन से निकलने वाले पैकेट पर बनाने की तारीख के अलावा एक्सपायरी डेट भी अंकित की गई है.

इस बदलाव के पीछे हर्बल ऑनकोलोजिस्ट के. श्री श्रीधर का हाथ है, जिन्होंने इस तरह के प्रसाद के लिए सलाह दी थी. जो किचन में बनाई गई होने के साथ ही प्रसाद के तौर पर इस्तेमाल हो सके. इससे पहले भी मंदिर में आने वाले भक्तों को प्रसाद के रूप में केक भी दिया जा चुका है.

चलों भाई लोगों मंदिर जाने का एक बहाना और मिल गया!

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