सैनिकों को मुहैया होने वाले खाने पर वीडियो बनाकर एकाएक चर्चा में आए कॉन्स्टेबल तेज बहादुर यादव ने दावा किया है कि उसके साथी जवान उसके इस प्रयास से काफी खुश हैं. बीएसएफ के इस जवान का वीडियो वायरल हो जाने के बाद प्रशासन भी हरकत में आ गया है और गृहमंत्री राजनाथ सिंह के अलावा बीएसएफ ने भी इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं.
तेज बहादुर के इस वीडियो में जवानों को मिलने वाले निम्न स्तर के खाने पर फोकस किया गया था. तेज बहादुर का दावा है कि इस वीडियो के वायरल होने के बाद बीएसएफ ने ट्रांसफर हेडक्वार्ट्स में कर दिया है, जहां अब तेज को पलंबर की ड्यूटी करनी पड़ रही है.
चूंकि वीडियो वायरल हो गया है, इसलिए तेज बहादुर को विश्वास है कि प्रशासन उस पर कड़ी कार्यवाई करने से बचेगा. यादव ने कहा कि मुझे अपनी नौकरी गंवाने का खतरा नहीं है. मैंने अपने वीडियो के माध्यम से सच्चाई दिखाने की कोशिश की है. अगर इस वीडियो से बाकी जवानों को मदद पहुंचती है तो मैं लड़ने के लिए तैयार हूं.
यादव के मुताबिक, उसने खराब खाने का मामला अपने सीनियर अधिकारी के सामने भी उठाया था, लेकिन इस अधिकारी ने अपनी बेबसी जाहिर करते हुए इस मामले में अपने हाथ खड़े कर लिए थे. यादव ने अपने वीडियो में आरोप लगाया था कि सरकार सैनिकों के लिए काफी कुछ कर रही है लेकिन सीनियर अधिकारियों के भ्रष्टाचार की वजह से जवानों को निम्न स्तर के खाने से पेट भऱना पड़ रहा है
वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि उन्होंने इस वीडियो को देखा है और यूनियन होम सेक्रेटी को निर्देश दिए हैं कि बीएसएफ से इस बाबत रिपोर्ट ली जाए. राजनाथ सिंह के अलावा बीएसएफ ने भी ट्विटर पर अपनी राय रखी है. इस ट्वीट के मुताबिक बीएसएफ अपने जवानों के प्रति संवेदनशील हैं और किसी भी तरह की गड़बड़ पाए जाने पर कड़ी कार्यवाई की जाएगी. एक सीनियर अधिकारी पहले ही वहां पहुंच चुके हैं.
BSF is highly sensitive to the welfare of tps.Individual aberrations,if any,are enquired into.A senior officer has already rchd the location https://t.co/3fH7qZdV5P
— BSF (@BSF_India) January 9, 2017
वहीं बीएसएफ के आईजी डी.के. उपाध्याय के मुताबिक, किसी भी और जवान ने खाने की क्वालिटी को लेकर किसी तरह की कोई परेशानी नहीं दिखाई है. यहां तक कि जब डीआईजी स्तर के लोगों ने इस कैंप में शिरकत की थी, तब भी यादव ने किसी प्रकार की कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई थी.
If any of his allegations are found true we will certainly initiate action against the defaulters: MDS Mann,DIG BSF on BSF Jawan’s video pic.twitter.com/xbrFu8CHfC
— ANI (@ANI_news) January 10, 2017
उन्होंने कहा कि यादव का करियर कई विवादास्पद घटनाओं से भरा हुआ है और 2010 में अनुशासनहीनता और एक सीनियर अधिकारी पर बंदूक तान देने के चलते उनका कोर्ट मार्शल कर दिया गया था. हालांकि उनके परिवार के हालातों को देखते हुए उन्हें नौकरी से बर्खास्त नहीं किया, बल्कि उन्हें 89 दिनों की कड़ी सजा सुनाई गई थी.
उन्होंने कहा कि जवानों और अफसरों के लिए खाने का स्तर एक सा ही होता है. आईजी के मुताबिक, अंतर्राष्ट्रीय बॉर्डर पर मौजूद बीएसएफ के जवानों के लिए बीएसएफ खुद राशन का इंतजाम करती है, लेकिन LOC पर मौजूद जवानों के खाने का इंतज़ाम आर्मी को करना पड़ता है और आज तक इस खाने को लेकर किसी भी तरह की कोई शिकायत नहीं आई है.
DIG level officers who have visited the camp in past have never received any complaint regarding allegations levelled in the video: IG BSF pic.twitter.com/sdpY0iTOW8
— ANI (@ANI_news) January 10, 2017
आईजी के मुताबिक, इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करने के चलते तेज बहादुर यादव को अपने हेडक्वार्ट्स से शिफ्ट करा दिया गया है, ताकि वह दबाव बनाने जैसी शिकायतें न कर सकें. उन्होंने ये भी कहा कि ड्यू्टी पर जवानों को मोबाइल फोन ले जाने की इजाज़त नहीं है. इसकी भी जांच की जाएगी कि तेज बहादुर अपने फोन को अपने साथ ले जाने में कैसे कामयाब हुआ.