बीते 1 फ़रवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सितारमन ने संसद में बजट पेश किया था. इस दौरान उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र के लिए भी कई बड़ी घोषणाएं की. वित्त मंत्री ने इस बजट में देश की शिक्षा के लिए को 93,224 करोड़ रुपये दिए हैं. इस दौरान निर्मला सितारमन ने कहा कि, केंद्र सरकार का ज़ोर ‘नई शिक्षा नीति’ के लक्ष्यों को पूरा करने पर भी है.
वित्त मंत्री के भाषण के अनुसार, 2021-22 के लिए शिक्षा मंत्रालय के लिए कुल 93,224 करोड़ रुपये आवंटित किए जाएंगे. इसमें ‘स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग’ के लिए 54,874 करोड़ रुपये और ‘उच्च शिक्षा विभाग’ के लिए 38,350 करोड़ रुपये शामिल हैं. शिक्षा के संबंध में 2021-22 के लिए आवंटन 2020-21 में केंद्र सरकार द्वारा किए गए आवंटन से 6.13% कम है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2020-21 में शिक्षा बजट के लिए 99,311 करोड़ रुपये आवंटित किए थे, जो 2021-22 में 6 प्रतिशत घटकर 93,224 करोड़ रुपये हो गया है. इस दौरान हैरानी की बात ये रही कि स्कूली शिक्षा के लिए लगभग 5,000 करोड़ रुपये की कटौती की गई है, जबकि 2020-21 में उच्च शिक्षा के लिए आवंटन 1,000 करोड़ रुपये से घटकर 2021-22 के लिए केवल 38,350 करोड़ रुपये रह गया है.
चलिए जानते हैं इस बार बजट में शिक्षा के क्षेत्र को क्या-क्या मिला है?
1- देश में 100 नए सैनिक स्कूल खोले जाने की घोषणा की गई है. ये स्कूल निजी स्कूलों और गैर-सरकारी संगठनों (NGO) के साथ मिलकर पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप पर खोले जाएंगे.
2- देश में रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए ‘नेशनल रिसर्च फ़ाउंडेशन’ की स्थापना की जाएगी. इसके लिए 50 हज़ार करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. इसके अलावा ‘उच्च शिक्षा आयोग’ के गठन के लिए प्रावधान प्रस्तावित किए गए हैं.
3- नई शिक्षा नीति (NEP) की ज़रूरतों के अनुसार देशभर में 15000 स्कूलों को सुदृढ़ बनाया जाएगा. उनकी गुणवत्ता बढ़ाने पर ज़ोर दिया जाएगा. इसके अलावा लेह में नया ‘केंद्रीय विश्वविद्यालय’ भी खोले जाने की घोषणा की गई है.
4- देश के सभी एससी स्टूडेंट्स के लिए ‘पोस्ट-मैट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम’ जारी रहेगी. अगले 6 साल के लिए 35,219 करोड़ रुपये आवंटित कर दिए गए हैं. इससे देश के क़रीब 4 करोड़ एससी स्टूडेंट्स को 10वीं के बाद शिक्षा जारी रखने में मदद दी जाएगी.
5- आदिवासी क्षेत्रों में 750 ‘एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय’ की स्थापना की जाएगी. इसके लिए बजट राशि 20 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 38 करोड़ रुपये तक कर दी गई है. वहीं, पहाड़ी क्षेत्रों में आदिवासी छात्रों के लिए स्कूलों को 48 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.
6- साल 2016 में ‘नेशनल अप्रेंटिसशिप प्रमोशन स्कीम’ लॉन्च हुई थी. सरकार अब ‘अप्रेंटिसशिप एक्ट’ में संशोधन करने जा रही है. पढ़ाई पूरी करने के बाद स्टूडेंट्स, इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन व डिप्लमो करने वालों को अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग दी जाएगी. इसके लिए क़रीब 3000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.
7- देश में पहली बार ‘राष्ट्रीय भाषा अनुवाद मिशन’ की घोषणा भी की गई है. इसका काम सरकारी दस्तावेजों को प्रमुख भारतीय भाषाओं में अनुवाद कर पब्लिक प्लेटफॉर्म पर लाना होगा.
8- इस बजट ने देश के लाखों-करोड़ों युवाओं को निराश किया है, जो सरकारी नौकरियों के लिए घोषणाओं का इंतजार कर रहे थे. हालांकि, बजट में 2024 तक शिपयार्ड में क़रीब 1.5 लाख नौकरियों की घोषणा ज़रूर की गई है.
9- देश के वर्कफ़ोर्स को वैश्विक स्तर पर स्किल्ड बनाने के लिए जापान के साथ इंटर ट्रेनिंग प्रोग्राम की जानकारी दी गई है. इसे अन्य कई देशों के साथ भी शुरू किया जाएगा. यूएई के साथ ऐसी एक ट्रेनिंग पार्टनरशिप पर फ़िलहाल काम चल भी रहा है.
10- इसके अलावा डिजिटल इंडिया के लिए 3700 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है. साल 2021-22 के दौरान डाटा एनेलेटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, मशीन लर्निंग चालित एमसीए 21 वर्जन 3.0 शुरू किया जाएगा.