दिल्ली के बुराड़ी केस जिसमें एक ही परिवार के 11 सदस्यों की सामूहिक आत्महत्या जैसा ही एक डरावना मामला अब रांची से सामने आया है. जी हां, रांची के कांके थाना क्षेत्र में रहने वाले एक ही परिवार के सात लोगों की लाशें उनके ही घर में संदिग्ध हालातों में लाश मिली हैं. वहीं घटना स्थल से पुलिस को मृतकों के पास दो सुसाइड नोट मिले हैं, जिनमें मौत की मुख्य वजह खराब आर्थिक स्थिति को बताया गया है. पुलिस ने बताया कि मरने वालों में पांच वयस्क और दो बच्चे शामिल हैं. इसके साथ ही ये भी माना जा रहा है कि इन सभी ने आत्महत्या की है.

HT में छपी खबर के अनुसार, दीपक झा (40) अपने परिवार के साथ रांची के कांके इलाके के बोड़या में किराये के मकान में रहता था. दीपक बिहार के भागलपुर का था. वो कांके थाना क्षेत्र में एक प्राइवेट कंपनी में काम करता था. दीपक के अलावा घर में पत्नी सोनी (38), बेटी दृष्टि (5), बेटा जंगू (1 साल), छोटा भाई रूपेश (39), पिता शशि कुमार झा (65) और मां गायत्री देवी (60) साथ-साथ रहते थे. घटना स्थल से पुलिस को दो भाइयों के शव फंदे पर लटके मिले, जबकि बाकी पांच सदस्यों के शव बिस्तर पर पड़े मिले.

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कैसे पता चला इस सामूहिक आत्महत्या कांड के बारे में?

पुलिस के मुताबिक, सोमवार की सुबह जब स्कूल वैन दृष्टि को लेने पहुंची, तो काफ़ी देर तक कोई घर से बाहर नहीं आया. उसके बाद उसी घर में रहने वाले दूसरे किरायेदार ने के बेटे ने जब दरवाज़ा खोल कर देखा, तो घर में लाश लटकी हुई थी, तुरंत ही लोगों ने पुलिस को सुचना दी. इसके साथ ही पुलिस ने बताया कि जब वो घर में घुसे तो बाहर के कमरे में रुपेश की लाश लटकी हुई थी, और दूसरे कमरे में दीपक फांसी पर लटका हुआ था, घर के बाकि सदस्यों की लाशें बेड पर कम्बल में लिपटी हुई थी. वहीं घर में फांसी पर लटकी लाशों के पास एक-एक स्टूल भी पड़ा था.

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घटना स्थल की स्थिति को देखते हुए पुलिस ने अभी अंदाज़ा लगाया है कि पहले इस दोनों भाइयों ने बाकि पांच सदस्यों को मारा और उसके बाद ख़ुद को फांसी लगा ली. एक पड़ोसी ने बताया कि परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी, पिछले काफ़ी समय से दीपक के बेटे जंगू के इलाज में बहुत पैसा खर्च हो रहा था. इतना ही नहीं परिवार पर 20 लाख रुपये का लोन भी था.

पड़ोसियों ने ये भी बताया कि दीपक एक फ़ार्मा कम्पनी में बतौर मार्केटिंग रिप्रेज़ेन्टेटिव काम कर रहा था, जबकि रुपेश ऑनलाइन कम्पनी के लिए घर से काम करता था.

सभी शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है, मौत की असली वजह तो ऑटोप्सी रिपोर्ट के बाद ही पता चलेगी. वहीं रांची रेंज के डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल ऑफ़ पुलिस, अमोल वी होंकर ने बताया कि पुलिस को मिले दो सुसाइड नोट में से एक 15 और दूसरा 2 पन्नों का है. फिलहाल उन्होंने लेटर्स में लिखी बातों के बारे में कुछ भी नहीं बताया है.