भारत-पाकिस्तान सीमा पर इंसान और एक बेज़ुबान जानवर के बीच गहरे रिश्ते की झलक देखने को मिली. दरअसल, राजस्थान बॉर्डर पर स्थित एक बावड़ी में 3 दिन से फ़ंसे ऊंट को ग्रामीणों की मदद से सही-सलामत बाहर निकाल लिया गया. घटना बीते 30 सितबंर की है, हालांकि ये किस्सा किसी चमत्कार से कम नहीं है.
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बताया जा रहा है कि खेत में काम करने वालों को लोगों को बावड़ी से ख़ौफ़नाक आवाज़ें आ रही थी, लेकिन डर के कारण कोई भी उसके अंदर झांकने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था. इस दौरान वागाराम देवासी नामक एक बुजु़र्ग आगे आया और जब उन्होंने बावड़ी में झांक कर देखा, तो उन्हें वहां एक ऊंट गिरा हुआ नज़र आया. उन्होंने देखा कि बावड़ी में पानी कम होने के कारण ऊंट में अभी भी जान बाकी है.
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वागाराम ने इस बात की जानकारी बाकी ग्रामीणों को दी. इसके बाद गांववालों ने ऊंट की मदद के लिए क्रेन बुलवाई. साथ ही दो अन्य लोग भी बावड़ी में उतरे और उन्होंने ऊंट को कपड़े से बांध दिया, इसके बाद सभी ने मिलकर क्रेन से ऊंट को बाहर निकाला. हालांकि, इस दौरान ऊंट को हल्की सी चोटें आई हैं, और गांव के लोग उसकी देख-रेख में जुटे हुए हैं.