‘गांजा’ फूंकने के मामले में देश की राजधानी दिल्ली ने तो हद ही मचा रखी है. 1 साल में 38.3 टन गांजा फूंक चुके हैं दिल्लीवासी. लगता है दिल्ली में पॉल्यूशन का एक कारण ये भी है!   

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जर्मनी की संस्‍था एबीसीडी की रिपोर्ट के मुताबिक़, साल 2018 में दिल्लीवासी 38.3 टन गांजा फूंक चुके हैं. इस लिस्ट में 32.4 टन के साथ आमची मुंबई छठे नंबर पर है. जबकि ‘गांजा’ फूंकने के मामले में न्यूयॉर्क ने टॉप किया है. वहीं हमारे पड़ोसी पाकिस्तान का कराची शहर दूसरे स्‍थान पर है. 

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हैरत की बात तो ये रही कि टॉप 10 की इस लिस्ट में इजराइल का नाम ही नहीं है. कसोल तो याद ही होगा? मिनी इजराइल! सबसे कड़क ‘माल’ मेरा मतलब गांजा यहीं मिलता है! आप ज़्यादा मत सोचिये ‘गांजा’ फूंकने वाले समझ गए हैं.  

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‘गांजा’ फूंकने के मामले में कहां तो हम कसोल, मलाणा और उत्तराखंड को दोष देते थे. लेकिन भाई अपने दिल्लीवाले तो इस मामले में किंग निकले. नशेड़ियों ने 1 साल में 38.3 टन गांजा फूंक दिया. मंबई वाले भी कम नहीं हैं वहां के नशेड़ी भी 1 साल में 32.4 टन गांजा फूंक चुके हैं.  

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असली किंग तो अमेरिका के न्यूयॉर्क वाले निकले. भाईसाहब एक साल में 77.4 टन गांजा फूंक कर टॉप किया है यहां के नशेड़ियों ने. पाकिस्तान के कराची वाले भी कुछ कम नहीं हैं यहां नशेड़ी एक साल में 42 टन फूंक चुके हैं.  

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इस रिपोर्ट के मुताबिक़, इसके लिए दुनिया भर के करीब 120 शहरों में सर्वे किया गया था. इस लिस्ट में अमेरिका के तीन शहर न्यूयॉर्क, लॉस एंजेलिस और शिकागो शामिल हैं. जबकि भारत के दो शहर दिल्ली और मुंबई शामिल हैं. 

टोक्यो में मिलता है सबसे महंगा गांजा 

गांजे की कीमत की बात की जाए तो इस मामले में भी दिल्ली टॉप 10 शहरों में शामिल है. एक अनुमान के मुताबिक़ यहां प्रति ग्राम गांजा 400 रुपये में चोरी-छिपे आसानी से मिल जाता है. जबकि मुंबई में गांजा प्रति ग्राम 328 रुपये में मिल जाता है. इस मामले में सबसे महंगा गांजा टोक्यो में मिलता है जहां एक ग्राम गांजे की कीमत करीब 2348 रुपये है. 

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सिगरेट की बिक्री पर लगने वाले टैक्स को देखते हुए यदि गांजे को वैध कर इस पर भी टैक्स वसूला जाए तो सिर्फ़ दिल्ली से ही सरकार को 725 करोड़ रुपये की आमदनी होगी. जबकि मुंबई से ये आंकड़ा 641 करोड़ रुपये का हो सकता है.