उन दिनों को याद कीजिए, जब सरकार ने नोटबंदी लागू की थी. सब पैसों के लिए मारे-मारे फिर रहे थे. ATM के बाहर लंबी-लंबी कतारें लगी होती थी. जब तक अपनी बारी आती, पैसे ख़त्म हो जाते.

लगता है ऐसा ही कुछ देश के दस राज्यों में फिर से हो रहा है. नोटबंदी नहीं, लेकिन उसके जैसे हालात हैं. देश के दस राज्य, बिहार, गुजरात, उत्तरप्रेदश, तेलांगना, राजस्थान, आंध्रप्रदश, कर्नाटक, दिल्ली, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के ATMs में नोटों की भारी कमी चल रही है. लोग परेशान भटक रहे हैं. एटीएम के आगे कतारें बढ़ती जा रही हैं. पांच-छह एटीएम जाने के बाद लोग हार मान जा रहे हैं. बताया जा रहा है कि बिहार में स्थिति ज़्यादा ख़राब है. यहां तक कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निवास स्थल के पास मौजूद एटीएम से भी लोग ख़ाली हाथ लौट रहे हैं.

एकदम से इतनी कमी कैसे?

रिज़र्व बैंक का कहना है कि त्योहारों के सीज़न में कैश की भारी मांग की वजह से ये स्थिति उत्पन्न हुई है. दो-तीन दिन के भीतर स्थिति सामान्य हो जाएगी.

वित्तमंत्री अरुण जेटली ने ट्वीट कर कहा कि देश में मौजूद मुद्राओं की समीक्षा की जा चुकी है. बैंकों के पास पर्याप्त करेंसी मौजूद है. वर्तमान स्थिति कुछ इलाकों में अचानक से आई भारी मांग की वजह है. इस समस्या से तुरंत निपट लिया जाएगा.

विपक्ष ने मौका न गंवाते हुए सरकार पर निशाना साधा. कांग्रेस ने नोट की कमी पर ट्वीट करते हुए कहा कि इसे सरकार की प्रबंधन क्षमता की कमी माना जाए या मोदी सरकार ऐसा जानबूझ कर रही है?

भैय्या पैसे सोच कर ख़र्च करना. ये ATM किसी के सगे नहीं होते.