बीते साल 8 नवंबर को हुए नोटबंदी जैसे बड़े फैसले के बाद अब एक और बड़ी खबर सामने आ रही है, जो बैंकों की तरफ से हुए घोषणा से सम्बंधित है. खबर है कि अब आपको महीने में चार बार से ज़्यादा बैंक से और ATM से पैसे निकालने या जमा करने पर चार्ज देना पड़ेगा.

HDFC, ICICI और Axis बैंक्स ने कैश ट्रांजैक्शन पर चार्ज लगाना शुरू कर दिया है. इसके हिसाब से अब एक महीने में चार मुफ्त लेन-देन के बाद हर बार 150 रुपये चार्ज लिया जाएगा. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह नियम एक मार्च से सेविंग और सैलरी अकाउंट पर लागू कर दिया गया है. कहा जा रहा है कि कैश ट्रांजैक्शन को कम करने और डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ये कदम उठाया जा रहा है. यानि लिमिट से ज़्यादा कैश ट्रांजैक्शन पर HDFC, ICICI और Axis बैंक ये चार्ज वसूलेंगे.

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प्राइवेट सेक्टर के प्रमुख बैंक एचडीएफसी ने अपने एक सर्कुलर में कहा है कि पहले चार ट्रांजैक्शन मुफ़्त होंगे और उसके बाद के हर ट्रांजैक्शन पर 150 रुपये फाइन के अलावा टैक्स और सेस लिया जाएगा. साथ ही थर्ड पार्टी कैश ट्रांजैक्शन पर भी प्रतिदिन 25,000 रुपये की सीमा तय कर दी गई.

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वहीं ICICI बैंक नोटबंदी की घोषणा से पहले के समान चार्ज ही वसूल कर रहा है. ICICI बैंक की वेबसाइट के अनुसार, महीने में पहले चार ट्रांजैक्शन फ्री रहेंगे. इसके बाद 1000 रुपये पर 5 रुपये का चार्ज लगाया जाएगा, जो महीने में कम से कम 150 रुपये हो सकता है. थर्ड पार्टी लिमिट प्रतिदिन 50,000 हजार रुपये है. गौरतलब है कि नॉन होम ब्रांच से महीने में एक बार कैश निकालने पर कोई चारग नहीं लगेगा, लेकिन उसके बाद प्रति हजार 5 रुपये देने होंगे, जोकि न्यूनतम 150 रुपये होगा. साथ ही कैश डिपॉजिट पर बैंक हर हज़ार रुपये पर पांच रुपये शुल्क वसूल करेगा. इसके अलावा कैश डिपॉजिट मशीन से भी महीने में एक बार ही मुफ़्त में रुपये जमा कराए जा सकते हैं. इसके बाद यहां भी 5 रुपये प्रति हजार देने होंगे.

Axis बैंक ने पहले पांच ट्रांजैक्शन या फिर 10 लाख रुपये तक नकदी जमा या निकासी पर कोई शुल्क नहीं लगाया है. लेकिन वहां भी इसके बाद प्रति 1000 रुपये पर 5 रुपये यानी कि महीने में न्यूनतम 150 रुपये का शुल्क तय कर दिया है. आपको बता दें कि अभी इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि सरकारी बैंकों ने भी इस तरह के किसी चार्ज का ऐलान किया है या नहीं. सरकारी बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, अभी तक सरकार की ओर से इस तरह के किसी चार्ज को लेकर कोई निर्देश नहीं मिला है.

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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बजट 2017-18 में कैश ट्रांजैक्शन में 3 लाख लिमिट का प्रस्ताव रखा गया है. 3 लाख से ज्यादा कैश ट्रांजैक्शन पर बैन लगाते हुए 3 लाख से ऊपर ट्रांजैक्शन पर जुर्माना लगाने की बात कहीं है. वहीं कैश में ज्वेलरी पर टीडीएस लगाने की बात बजट में कहीं गई है.

बैंकों द्वारा उठाये गए इस अप्रत्याशित कदम को बड़े पैमाने पर सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं.

सबसे पहले कांग्रेस पार्टी इस कदम की आलोचना करेगी.

सोशल मीडिया पर कई लोगों ने इस नए नियम की निंदा की

अब इस नियम पर आपकी क्या प्रतिक्रिया है कमेंट करके बताएं.