दूसरी कक्षा के छात्र प्रद्युम्न ठाकुर की हत्या का मामला शायद एक और आरूषि मर्डर केस बनता जा रहा है. आरूषि मर्डर केस की तरह ही इस बार भी स्थानीय पुलिस और सीबीआई की जांच में कई विरोधाभास दिखाई दे रहे हैं और यही कारण है कि इस मामले में हर बार कुछ नए और अप्रत्याशित मोड़ देखने को मिल रहे हैं.

ताज़ा मोड़ में सीबीआई ने अब रयान इंटरनेशनल स्कूल के ही 11वीं के एक छात्र को बीते मंगलवार रात को गिरफ़्तार किया है और अब सीबीआई एक और छात्र की भूमिका की भी जांच कर रही है.

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सीबीआई अब अपनी जांच का पूरा फ़ोकस दूसरे छात्र पर कर रही है, जो आरोपी छात्र के साथ था और जिसने स्कूल के माली और टीचर को बताया था कि टॉयलेट में प्रद्युम्न खून से लथपथ पड़ा हुआ है. सीबीआई ने दूसरे छात्र का बयान भी दर्ज किया है लेकिन गिरफ़्तार किए गए नाबालिग छात्र का अभी मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज नहीं किया गया है.

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इस मामले में शिक्षकों और छात्रों के अलावा रयान स्कूल के पूर्व कर्मचारियों से भी पूछताछ की गई है. इससे पहले सीबीआई ने अपनी जांच में चौंकाने वाला खुलासा करते हुए कहा था कि प्रद्युम्न की हत्या में स्कूल का ही 11वीं का छात्र शामिल रहा है जिसे गिरफ़्तार कर लिया गया है. सीबीआई के मुताबिक, इस छात्र ने पीटीएम और परीक्षा रुकवाने के लिए प्रद्युम्न की हत्या की थी. गिरफ़्तारी के बाद इस छात्र ने अपना गुनाह कबूल कर लिया, लेकिन उसके माता-पिता ने अपने बच्चे को फ़ंसाने का आरोप लगाया है.

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इस हत्या के मामले में गुरुग्राम पुलिस ने बस कंडक्टर को गिरफ़्तार किया था, लेकिन प्रद्युम्न के परिवार ने गुड़गांव पुलिस की जांच पर शक था और अब सीबीआई की रिपोर्ट के बाद एकबार फिर गुरुग्राम पुलिस कई सवालों के घेरे में है. पुलिस के अलावा स्कूल की भूमिका भी शुरूआत से ही संदेह के घेरे में है. वहीं गुरुग्राम पुलिस ने इस मामले में किसी प्रकार का दबाव न होने की बात कही है और ये दोहराया कि पुलिस ने पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की ईमानदार कोशिश की है.