वो हमसे ज़रा अलग हैं, सिर्फ़ इस बिना पर उनसे नफ़रत करना बिल्कुल भी जायज़ नहीं है. पर अकसर हम ऐसा ही करते हैं. बार-बार पलट कर उनकी तरफ़ देखना. उनके लिए ‘छक्के, हिजड़े’ जैसे शब्दों का प्रयोग करना आदि. हम बात कर रहे हैं Transgenders का, हमारे समाज का वो अपेक्षित वर्ग, जिसे न हम आम लोग स्वीकार कर पाए और न ही कुर्सी धारी लोग.

पर अब सोच बदल रही है. केन्द्रीय मंत्री, रामदास अठावले ने ये घोषणा की है कि सरकार जल्द ही Transgender Bill पारित करने वाली है. इस Bill के तहत Transgenders को अपनी अलग पहचान भी मिलेगी.

Feminist

मंत्री जी ने ये घोषणा National Institute of Rural Development and Panchayati Raj द्वारा हैदराबाद में आयोजित एक नेशनल वर्कशॉप, ‘Developing Modules for Sensitizing Transgender People and Stakeholders’ में की गई.

Transgenders के साथ होने वाले भेदभाव पर चिंता जताते हुए मंत्री जी ने कहा कि जिस प्रकार पुरुष और स्त्री को अधिकार दिए गए हैं, उसी प्रकार Transgenders के पास भी अधिकार होना चाहिए.

रामदास, ने Transgenders के लिए कहा,

‘2016 में भी एक बिल लाया गया था. बिल को Standing Committee के पास भेज दिया गया है. बहुत जल्द ही आपको आपका हक़ दे दिया जाएगा.’
Deccan Chronicle

पिछले साल The Transgender Persons (Protection of Rights) Bill को प्रस्तुत किया गया था. Transgenders के साथ होने वाले भेदभाव को रोकने के लिए इस बिल को प्रस्तावित किया गया था.

शिक्षा व्यक्ति को समाज में इज्ज़त दिलाती है, शिक्षित होना हर व्यक्ति के लिए बेहद ज़रूरी है. Transgenders को समाज में बहुत ज़िल्लत झेलनी पड़ती है, उनको सिर झुकाकर जीने पर मजबूर किया जाता है. ग़ैर तो ग़ैर कभी-कभी तो उनके ख़ुद के परिवार वाले उन्हें नहीं अपनाते.

The Better India

ये Transgenders के सशक्तिकरण की तरफ़ के छोटा सा कदम है, अभी और भी बहुत कुछ करना बाक़ी है.

Source: India Times