देशभर में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम को लेकर विरोध जारी है. भारतीय मूल के नोबल विजेता अभिजीत बनर्जी व भारतीय नोबेल विजेता अमर्त्य सेन समेत तमाम लोग इसका विरोध कर चुके हैं. अब इस लिस्ट में माइक्रोसॉफ़्ट के सीईओ सत्या नडेला भी शामिल हो गए हैं.
52 वर्षीय नडेला सत्या नडेला ने CAA का विरोध जताते हुए कहा है कि, मैं एक बांग्लादेशी अप्रवासी को भारत में इन्फ़ोसिस का अगला सीईओ देखना पसंद करूंगा.

बजफ़ीड के एडिटर-इन-चीफ़ बेन स्मिथ के मुताबिक़ उन्होंने जब माइक्रोसॉफ़्ट के सीईओ सत्या नडेला से भारत में ‘नागरिकता संशोधन अधिनियम’ पर सवाल किया तो उनका कहना था कि ‘भारत में जो हो रहा है, वो बेहद दुःखद है…ये सिर्फ़ बुरा है. मैं एक बांग्लादेशी अप्रवासी को भारत में इन्फ़ोसिस का अगला सीईओ देखना पसंद करूंगा.
बेन स्मिथ ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि सत्या नडेला की ये टिप्पणी सोमवार को मैनहट्टन में माइक्रोसॉफ़्ट के एक कार्यक्रम में संपादकों के साथ बातचीत के दौरान आई.
By popular demand, here’s the verbate pic.twitter.com/I8YcMDJsf8
— Ben Smith (@BuzzFeedBen) January 13, 2020
ANI के मुताबिक़ इस कार्यक्रम के दौरान सत्या नडेला ने कहा कि, उम्मीद करता हूं कि हर एक अप्रवासी जिसे भारत के CAA के तहत देश की नागरिकता दी गई है, वो एक समृद्ध भविष्य की उम्मीद कर सके. साथ ही वो समाज और अर्थव्यवस्था को समान रूप से लाभान्वित करे.

मैं आज भी अपनी भारतीय विरासत से जुड़ा हुआ हूं. अमेरिका में मेरा आप्रवासी अनुभव है. मैं एक ऐसे भारत की उम्मीद करता हूं जहां आप्रवासी भी एक समृद्ध स्टार्ट-अप को शुरू करने या एक बहुराष्ट्रीय कॉरपोरेशन का नेतृत्व करने की सोच सकें और समाज तथा अर्थव्यवस्था को लाभ पहुंचा सकें.
Statement from Satya Nadella, CEO, Microsoft pic.twitter.com/lzsqAUHu3I
— Microsoft India (@MicrosoftIndia) January 13, 2020
हर देश को अपनी सीमाओं को परिभाषित करना चाहिए. साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए इमिग्रेशन पॉलिसी निर्धारित करनी चाहिए. लोकतंत्र में ऐसा ही होता है लोग और सरकारें उन सीमाओं को लेकर बहस करेंगे ही.
जानकारी दे दें कि 52 वर्षीय सत्या नडेला अमेरिका में दुनिया की दो बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनी के भारतीय मूल के सीईओ में से एक हैं. उनके अलावा सुंदर पिचाई हैं गूगल के सीईओ हैं.
I am glad Satya Nadella has said what he has. I wish that one of our own IT czars had the courage and wisdom to say this first. Or to say it even now. https://t.co/KsKbDUtMQk
— Ramachandra Guha (@Ram_Guha) January 13, 2020