कोरोना वायरस के चलते तमाम सेक्टर्स की तरह स्पोर्ट्स इवेंट्स पर भी ब्रेक लगा हुआ है. अब इसका सीधा असर देश के उभर रहे एथलीटों पर पड़ता नज़र आ रहा है. इस कठिन दौर में प्लेयर्स की आर्थिक स्थिति बुरी तरह प्रभावित हुई है, जिसका नतीजा है कि 2019 के एशियन यूथ एथलेटिक्स चैंपियनशिप के कांस्य पदक विजेता अली अंसारी परिवार चलाने के लिए ठेले पर फल बेचने को मजबूर हैं. 19 वर्षीय अली दिल्ली के महिपालपुर में पिता की फलों की गाड़ी संभाल रहे हैं.

ANI से बात करते हुए अंसारी ने कहा, ‘मैंने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेला और क्रमशः दोनों स्तर पर रजत और कांस्य पदक जीते. मैंने पहले अपने राज्य को फिर देश को गौरान्वित किया. मेरे इवेंट्स में 100 मीटर, शॉर्ट पुट, डिस्कस थ्रो, लंबी कूद, जेवलिन, 1500 मीटर, पोल वॉल्ट और ऊंची कूद शामिल है.’
हालांकि, इसके साथ ही अंसारी अपनी आर्थिक चुनौतियों के बारे में भी बात करते हैं, जिसने उन्हें खेलों से दूर कर दिया.

‘मेरा परिवार आर्थिक रूप से सुदृढ़ नहीं है और लॉकडाउन ने हमारे जीवन को और अधिक कठिन बना दिया है. आजकल मैं अपने पिता की फलों की दुकान पर मदद करता हूं.’
अली की तरह एक अन्य एथलीट राज भी हैं, जिन्होंने 2018 दिल्ली 10 हज़ार मीटर में रजत पदक जीता था. लेकिन आज वो दिल्ली मिल्क स्कीम में नौकरी कर रहे हैं. वो रात की शिफ़्ट में क्रेट लोडर के तौर पर काम करते हैं और सुबह मैदान पर ट्रेनिंग करते हैं. इस महामारी ने राज के ड्यूटी का समय और सैलरी दोनों को कम कर दिया. ऐसे में वो ठीक से अपनी ट्रेनिंग नहीं कर पा रहे हैं.