अपराधियों को सबक सिखाने के लिए ही, जेल जैसी जगह बनाई गई है. जेल जा कर बड़े से बड़े अपराधियों के होश ठिकाने लग जाते हैं.

कुछ ऐसा ही सुधार, आजीवन कारावास की सज़ा काट रहे कैदियों के व्यवहार में हुआ है, जिन्होंने जेल विभाग के लिए 4 करोड़ रुपये का मुनाफ़ा कमाया है.

 ये कैदी चंचलगुडा के पेट्रोल पम्प पर काम करते हैं. ये कमाई जेल के विकास कार्यों में खर्च की जाएगी.

चंचलगुडा का इंडियन ऑयल पेट्रोल पम्प, तेलंगाना और आंध्रप्रदेश का सबसे बड़ा पेट्रोल विक्रेता है, जिसका सालाना टर्न ओवर 100 से 120 करोड़ रुपये से ज़्यादा है.

TOI

इस पेट्रोल पम्प से 28,000 से 30,000 लीटर पेट्रोल प्रतिदिन बिकता है. यह भारत का आठवां सबसे ज़्यादा पेट्रोल बेचने वाला पेट्रोल पम्प है.

सोमवार को इस पेट्रोल पम्प की स्थापना के पांच साल पूरे हुए हैं.

TNM

इस पेट्रोल पम्प पर 45 कैदी और 16 अपनी सज़ा काट चुके कैदी, तीन शिफ़्ट में काम करते हैं. जिन कैदियों ने अपनी सज़ा पूरी कर ली है उन्हें 12,000 रुपये मासिक सैलरी मिलती है.

अधिकारियों ने इन कैदियों का चयन इनके अच्छे व्यवहार की वजह से किया है, जिससे ये सामान्य जीवन जी सकें.

अधिकारियों का कहना है कि, ‘अब तक किसी कैदी ने चंचलगुडा पेट्रोल पम्प से भागने की कोशिश नहीं की है. कैदियों का व्यव्हार ग्राहकों के साथ बहुत अच्छा रहा है.कैदियों के साथ अगर कोई बुरा बर्ताव करता है, तो हम उस पर एक्शन लेंगे.’

जेल के कैदियों को 110 रुपये रोज़ की दिहाड़ी मिलती है, जिसे जेल प्रशासन ने राज्य सरकार को 250 रुपये प्रतिदिन करने के लिए चिट्ठी लिखी है.

Feature Image Source: Caravan