बांदीपुरा में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में घायल हुए सीआरपीएफ अफ़सर चेतन कुमार चीता जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रहे हैं. फिलहाल उन्हें दिल्ली के एम्स के ट्रॉमा सेंटर में रखा गया है. डॉक्टरों के मुताबिक उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया है और उनकी हालत स्थिर है. हालांकि वो अब भी खतरे से बाहर नहीं हैं. बीते शनिवार को आर्मी चीफ़ बिपिन रावत भी अस्पताल में उन्हें देखने पहुंचे.
एम्स की ओर से जारी मेडिकल बुलेटिन में कहा गया है कि सीआरपीएफ़ के कमांडर चेतन चीता की हालत अभी नाज़ुक है, पर वो अभी स्थिर हैं.
आपको बता दें कि बीते मंगलवार की शाम को कश्मीर के बांदीपुरा के खान मोहल्ला में आतंकवादियों के होने की सूचना मिलने के बाद सेना ने एक सर्च आपरेशन चलाया. इस ऑपरेशन की अगुवाई खुद चेनत कुमार चीता कर रहे थे. ख़बरों के अनुसार, आतंकियों को पहले ही सेना के इस सर्च ऑपरेशन की ख़बर मिल गई थी, जिसके बाद उन्होंने अपना ठिकाना बदल लिया. लेकिन चीता उनके उस बदले हुए ठेकाने पर भी पहुंच गए. जहां आतंकियों का एनकाउंटर करते हुए चीता को कुल 9 गोलियां उनके शरीर के अलग-अलग हिस्सों में लगीं. हालांकि, इसके बाद भी चीता ने बहादुरी और अदम्य साहस का परिचय देते हुए एक आतंकी को मार गिराया. आतंकी हमले के बाद उनके चेहरे और सिर पर गंभीर चोटें आयीं हैं. एनकाउंटर में घायल चेतन चीता को तुरंत श्रीनगर आर्मी हॉस्पिटल लाया गया और वहां से एम्स लाया गया.
पुलिस ने बताया कि बांदीपुरा के हाजिन क्षेत्र में हुए इस एनकाउंटर में 3 सैनिSकों समेत एक आतंकी भी मारा गया. इसके अलावा 9 सैनिकों सहित एक नागरिक घायल हो गया.
पूरे देश में लोग उनके जल्द स्वस्थ्य होने के लिए दुआएं कर रहे हैं. चेतन के परिवार वालों के अनुसार, उनकी हालत में धीरे-धीरे सुधार आ रहा है, लेकिन अभी आईसीयू में किसी परिजन को मिलने नहीं दिया जा रहा है. शनिवार को सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत भी उन्हें देखने अस्पताल पहुंचे. डॉक्टरों से उनके बारे में जानकारी लेने के बाद रावत ने इलाज को लेकर संतुष्टि जताई.
देश के लिए अपनी जान के परवाह न करते हुए इस जाबांज़ सिपाही ने अदम्य साहस का परिचय दिया है. हम इनकी लम्बी आयु के लिए भगवान से दुआ करते हैं. हमारे देश को ऐसे सिपाहियों की बहुत ज़रूरत है.
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