दिल्ली और आस-पास के इलाक़ों में चोटी कटवा ने खूब आतंक मचाया. अब चोटी काटने की ख़बरें कश्मीर से भी आने लगी हैं. इसके पीछे किसका हाथ है, इसका जवाब हर किसी के लिए अलग है. अलगाववादी नेताओं और लोगों का कहना है कि ये सुरक्षा बालों की ही साज़िश है.
सितम्बर में कश्मीर घाटी से चोटी काटने की पहली ख़बर आई थी. अलगाववादियों ने इन घटनाओ के लिए भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को ज़िम्मेदार ठहराया है. अब तक कश्मीर में 35 और जम्मू में 192 औरतों की चोटी काटी जा चुकी है.
People hold protest over rise in braid chopping incidents in Bhaderwah – https://t.co/xVUL8BEGrU pic.twitter.com/fyu0sC1Gsb
— Kashmir Age (@Kashmirage) September 21, 2017
2 अक्टूबर को आतंकवादी समूह हिजबुल मुजाहेदीन के रियाज़ नाइकू ने एक ऑडियो बयान जारी किया, जिसमें कहा गया था कि चोटी काटने की वारदातें अलगाववादी आंदोलन को कमज़ोर करने के लिए हो रही हैं.
नाइकू के अनुसार, पिछले दो महीनों में ये आन्दोलन तेज़ हुआ था, लोगों को इससे भटकाने के लिए ये एक सोची-समझी साज़िश है. पुलिस और सुरक्षा बल इसके लिए आपस में मिले हुए हैं. इसका इल्ज़ाम उसने RSS पर भी रखा है. जब कुलगाम में एक चोटी कटवा पकड़ा गया था, तो सुरक्षा बलों ने लोगों पर फ़ायरिंग की थी, ताकि वो भाग सकें. इससे साफ़ हो जाता है कि इसमें किसका हाथ है.
उसने लोगों से दरख्वास्त की है कि खुद ही चोटी काटने वालों को पकड़ें और उनसे पूछताछ करें. उन्हें पुलिस को न सौंपे और खुद ही उन्हें सज़ा दें, ताकि ऐसा करने वालों को सबक मिल सके.
उसने यहां तक कहा कि वो महिलाओं को इन घटनाओं से बचाने के लिए जान तक दे सकता है. उसने कहा कि अगर बहनों और माओं को बचाते हुए उसकी जान कुर्बान हो जाये, तो भी कोई गम नहीं है. उसने महिलाओं को सुरक्षा के लिए पूरे कपड़े पहनने की और बाहर अकेले न जाने की हिदायत दी है.
पुलिस का कहना है कि अब तक इस केस में कोई भी संदिग्ध नहीं पकड़ा गया है. ये घटनाएं ज़्यादातर ग्रामीण इलाकों की महिलाओं के साथ हुई हैं.
मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने पुलिस महानिदेशक शेष पॉल वैद से हर ज़िले में इन घटनाओं को रोकने के लिए ख़ास टीम का गठन करने के लिए कहा है. चोटी काटने वालों को पकड़ने के लिए 6 लाख का इनाम भी रखा गया है.
Entry of labourers, strangers banned in Doda as ‘mysterious’ braid chopping incidents… https://t.co/r8xU8vfmpx pic.twitter.com/zTGREONNj2
— Jammu Voice (@thejammuvoice) September 19, 2017
वैद का कहना है कि अलगाववादी समूह इन घटनाओं को अपने फ़ायदे के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन ये घटनाएं वैसी ही हैं, जैसी देश के बाकी हिस्सों में हुई थीं.
सोशल मीडिया पर ज़्यादातर लोगों की बात अलगाववादी समूहों की बात से मेल खाती है. धार्मिक संगठन जमात-ए-इस्लामी ने भी चोटी काटने की घटनाओं को गहरी साज़िश बताया है और कहा है कि ये आज़ादी के संघर्ष को रोकने के लिए हो रहा है.
वैद ने बताया कि बारामुल्ला से पकड़ा गया एक चोटी कटवा सोपोर का रहने वाला था और लड़की से प्रेम करता था. सुरक्षा बलों के पास चोटी काटने की कोई वजह नहीं है. वो लड़का लड़की से मिलने आया था और लोगों ने उसे छोटी कटवा समझ कर बुरी तरह पीट डाला. लोग इसी तरह कई लोगों को चोटी कटवा होने के शक़ में पीट चुके हैं.