सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के ऊपर लगे यौन उत्पीड़न के आरोप की जांच के लिए तीन जजों की जो समिति बनाई गई थी, उसने अपने रिपोर्ट में जज रंजन गोगोई को निर्दोष पाया है.  

मुख्य न्यायाधीश के ऊपर एक सुप्रीम कोर्ट की पूर्व कर्मचारी ने एक हलफ़नामे में रंजन गोगई पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था.  

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तीन जजों की समिति में Sharad Bodbe, Indu Malhotra और Indira Banerjee थे, इसकी अध्यक्षता Sharad Bodbe कर रहे थे. सुप्रीम कोर्ट के सचिव ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि समिति ने तारीख 5.5.2019 को अपनी In-House रिपोर्ट मुख्य न्यायाधीश के बाद के वरिष्ठ जज को सौंप दी है, साथ ही साथ संबंधित जज यानी कि भारत के मुख्य न्यायाधीश को भी जांच की कॉपी भेजी है.  

साल 2003 के Indira Jaising Vs Supreme Court Of India &Anr. 5 SCC 494 का हवाला देकर रिपोर्ट में लिखा गया है कि समिति In-House जांच रिपोर्ट को जनता का सामने रखने के लिए बाध्य नहीं है.  

रिपोर्ट में लिखा है, ‘In House समिति तारीख 19.04.2019 को पूर्व सुप्रीम कोर्ट कर्मचारी द्वारा दर्ज कंप्लेंट में कोई वास्तविक्ता नहीं पाई है.’  

आरोप लगाने वाली महिला ने मीडिया से हुई बातचीत में कहा कि वो पहली तीन सुनवाई में तीनों जजों की मौजूदगी में ‘ काफ़ी अभित्रस्त और नर्वस’ महसूस कर रही थी.  

महिला ने ये भी कहा कि 26 अप्रैल को हुई सुनवाई में जजों ने कहा कि यह कोई In House समिति नहीं है और न ही विशाखा गाइडलाइन्स के तहत सुनवाई हो रही है, ये बस एक अनऔपचरिक सुनवाई है.