शनिवार को वेस्ट दिल्ली के मायापुरी इलाके में इमरजेंसी जैसे हालात हो गए. जब MCD और सुरक्षाबलों की भीड़ से झड़प हो गई. तकरीबन 500 लोगों की भीड़ ने पुलिस, ITBP और MCD वालों पर पत्थर फेंके, तो जवाब में पुलिस और ITBP के जवानों ने लोगों पर जमकर लाठियां बरसाई. इस पूरे मामले में 3 दर्ज़न से भी ज़्यादा लोग घायल हो गए. वहीं 5 ITBP के जवानों को सिर में गंभीर चोटें आई हैं. एक महिला ACP को कमर में भी चोट लगी है. 

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क्या है मामला?

दरअसल NGT यानि नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश पर MCD की टीम, वेस्ट दिल्ली के मायापुरी इंडस्ट्रियल एरिया के स्क्रैप मार्केट में सीलिंग करने गई थी. DPCC यानि दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण विभाग, MCD, ITBP, CRPF और दिल्ली पुलिस को देखकर लोग भड़क गए. मायापुरी में 812 दुकाने सील होनी थी. लेकिन इस हंगामें की वजह से सिर्फ़ 6 ही दुकानें ही सील हो पाईं. दुकानदारों ने ये तर्क दिया कि उन्हें कुछ ही दिन पहले नोटिस मिला है. ऐसे में अचानक से सील करने आ जाना एकदम गलत है. दुकानदारों ने कहा कि वो एनवायरनमेंट डैमेज देने को भी तैयार हैं. 

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फ़ैलता है भयंकर पॉल्यूशन  

बता दें कि मायापुरी की इस स्कैप मार्केट से जहरीली हवाएं, रसायन और तेल निकलते हैं, जिससे आसपास के इलाकों में काफ़ी पॉल्यूशन होता है. वैसे तो पॉल्यूशन फ़ैलाने वाली फ़ैक्ट्रियों को बंद करने का आदेश कई साल पुराना है. लेकिन साल 2018 में बनी स्पेशल टास्क फ़ोर्स के बाद नोटिस देकर सीलिंग कार्रवाई ज़ोरों से शुरू हो चुकी है.  

राजनीति में लगाए एक-दूसरे पर आरोप 

इस मुद्दे पर नेता अपनी-अपनी राजनीति रोटियां सेंकने लगे. AAP हो या बीजेपी या फिर कांग्रेस, तीनों एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे थे. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए कहा कि अगर दिल्ली पूर्ण राज्य होती तो हम 24 घंटे में सीलिंग रुकवा देते. वहीं दिल्ली के बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने सफ़ाई देते हुए कहा कि सीलिंग का नोटिस DPCC की ओर से गया है. DPCC दिल्ली सरकार का ही विभाग है. वहीं दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित ने इस कंडीशन के लिए केंद्र और एमसीडी दोनों को ही ज़िम्मेदार बताया.