कुछ दिनों पहले मुंबई में 14 साल के बच्चे ने Blue Whale गेम के चैलेंज को पूरा करने के लिए आत्महत्या कर ली थी. इसी खूनी खेल से प्रभावित होकर अब इंदौर में 7वीं कक्षा में पढ़ने वाले बच्चे ने भी बिल्डिंग से कूद कर जान देने की कोशिश की.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, गुरुवार को बच्चे ने स्कूल की तीसरी मंज़िल से कूदकर अपनी जान लेने की कोशिश करने वाला था, पर उसके कुछ दोस्तों ने उसे छत के किनारे घूमते देख लिया और उसे कूदने से रोक लिया. पुलिस के अनुसार, गेम के फ़ाइनल चैलेंज को पूरा करने के लिए बच्चे को छलांग लगाना था.
एएसपी रुपेश द्विवेदी ने पीटीआई को जानकारी देते हुए बताया,
‘शुरुआती जांच में पता चला है कि बच्चा अपने पिता के फ़ोन पर Blue Whale गेम खेल रहा था.’
चमेली देवी स्कूल के पीटी टिचर ने बताया,
‘सुबह की एसेंबली के बाद कुछ बच्चों ने उसे तीसरे फ़्लोर की रेलिंग से नीचे झांकते देखा. बच्चों को लगा कि वो सुसाइड की कोशिश कर रहा है और दो बच्चों ने उसके हाथ पकड़ लिए. उसके बाद बच्चे को मेडिकल रूम में लाया गया.’
Blue Whale गेम रूस की देन है. 2015 में बनाया गया ये गेम सोशल मीडिया के द्वारा मासूम को अपने झांसे में लेता है. इस गेम को जीतने के लिए 50 टास्क पूरे करने होते हैं. इस गेम का आखिरी टास्क है खुद की जान लेना. अब तक सैकड़ों मासूमों ने इस गेम के कारण अपनी जान ले ली है. रूस में ही 150 जानें गई हैं.
इस गेम में कई अजीबो-गरीब टास्क दिए जाते हैं. जैसे किसी क्रेन पर चढ़ना, अपने हाथ पर कुछ लिखना, हाथ और पैर में सुई चुभाना. प्लेयर्स को हर टास्क को पूरा करके उसकी तस्वीर भी अपलोड करनी पड़ती है, मना करने पर गेम का एडमिन प्लेयर के परिवार के लोगों को नुकसान पहुंचाने की धमकी देते हैं. इसीलिये एक बार जो ये गेम खेलना शुरू करता है वो चाहकर भी नहीं रुक सकता.
इस गेम को जल्द से जल्द बैन करना चाहिए और इसको बढ़ावा देने वालों को कड़ी से कड़ी सज़ा होनी चाहिए.
Source: Huffington Post, News18