स्कूल में टीचर और ऑफिस में बॉस की चमचागिरी करते हुए आपने कई लोगों को देखा होगा. जी हुज़ूरी करने वालों की ये जात कुछ ऐसी होती है कि इनके सामने बॉस और टीचर को सभी लोग नकारे नज़र आते हैं. यदि हिम्मत करके आप किसी बात का विरोध दर्ज़ करते हैं, तो आपको बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है. ऐसा ही कुछ छत्तीसगढ़ के बिलासपुर रेलवे जोन में क्लर्क के पद पर तैनात एक महिला के साथ भी हुआ, जिन्हें जीएम की विदाई पार्टी में उनके साथ गाना न गाना इतना महंगा पड़ा कि उसके नाम तबादले का नोटिस और चार्जशीट को ही जारी कर दिया गया.

ख़बरों के मुताबिक, जीएम सत्येंद्र कुमार के विदाई समारोह के लिए रेलवे ऑफिसर्स कॉलोनी में 16 जनवरी को एक फंक्शन का आयोजन किया गया था, जहां क्लर्क के पद पर तैनात अंजलि तिवारी भी मौजूद थीं. सांस्कृतिक कोटे के तहत रेलवे में आई, अंजलि से सत्येंद्र कुमार के साथ गाना गाने के लिए कहा गया, जिस पर अंजलि ने साफ़ तौर पर इंकार कर दिया.

समारोह के बाद सब इस बात को भूल गये, पर अधिकारीयों को ये बात इतनी खटक गई कि अंजलि के नाम पर नोटिस ही जारी कर दिया गया. इस नोटिस में इस बात का हवाला दिया गया है कि ‘अंजलि रायपुर डीआरएम के निर्देशों का पालन करने में विफल रहने के साथ ही अपने कर्तव्य के प्रति पूर्ण समर्पण दिखाने में विफल रही हैं, जिसके लिए उन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए.’

हालांकि मामला महिला आयोग के पास पहुंचने के साथ ही मीडिया में आने के बाद इस नोटिस को वापिस ले लिया गया है. महिला आयोग की अध्यक्ष हर्षिता पांडेय ने बिलासपुर जोन के महाप्रबंधक और रायपुर मंडल से लिखित में जवाब मांगा है कि ‘क्या रेलवे में इस तरह के विदाई पार्टी देने का कोई नियम है? यदि आधिकारिक नहीं है, तो महिला क्लर्क पर कार्यवाही कैसे की गई?’