अब अगर आपको कोका-कोला और पेप्सी के प्रोडक्ट्स का टेस्ट बदला-बदला नज़र आए, तो परेशान होने की ज़रूरत नहीं है. दरअसल,कंपनी अपने बेस्ट सेलिंग Products में कुछ बड़े बदलाव करने जा रही है. कोका कोला का एटलांटा हेडक्वार्टर अपनी सबसे ज़्यादा बिकने वाली ड्रिंक माज़ा को 30 से 50 प्रतिशत तक कम शुगर के साथ लॉन्च कर सकता है.
Fizzy ड्रिंक्स में हाई लेवल पर शुगर यूज़ करने वाले पेप्सीको के पास कम कैलोरी वाला lemony ड्रिंक 7UP है, तो कोक के पास फ़ैंटा और 5% ऑरेंज जूस वाली स्टेविया है.
इस बारे में बात करते हुए कोका-कोला के भारतीय प्रवक्ता ने कहा, ‘हमारे वैश्विक गलोबल सीईओ पहले ही बता चुके हैं कि कोका-कोला, कम कैलोरी पसंद करने वाले लोगों के लिए 3 अलग-अलग तरह के प्रोडक्ट्स ला रहा है, जिनके स्वाद में बदलाव किया जाएगा और साइज़ में भी छोटे होंगे.’ आगे बात करते हुए प्रवक्ता ने बताया फ़िलहाल नए प्रोडक्ट्स पर काम जारी है और हम उम्मीद करते हैं कि 2017 तक हम इन्हें मार्केट में ले आएं.
वैसे फ़ूड और पेय पदार्थों को समझ कर उसके अनुसार प्रोडक्ट लाना सबसे कठिन व्यापार माना जाता है, लेकिन कोका-कोला ने इस दिक्कत का भी हल खोज निकाला है. 1985 में कोका कोला ने एक नया प्रोडक्ट लॉन्च किया था, जिसे सिर्फ़ 3 महीने के भीतर ही वापस ले लिया गया था. 7UP और फ़ैंटा पहले ऐसे प्रोडेक्ट थे, जिन्हें भारत में बदलाव के साथ लॉन्च किया गया था. पेप्सिको का हाइड्रोटोनिक ब्रांड 7UP है, जिसे स्टेविया की तरह ही बनाया गया.
स्टेविया की साउथ एशियन सप्लायर कंपनी प्योर सर्किल के सीनियर डायरेक्टर अजय चंद्रन का कहना है, ‘जल्द ही इंडिया में हमारा व्यापार दोगुना होने वाला है. वैश्विक स्तर पर स्टेविया के लगभग 14,000 प्रोडक्ट लॉन्च हो चुके हैं, इसके साथ ही भारत में इस समय कई कंपनियां इसके साथ प्रयोग कर रही हैं.
वैसे कृत्रिम पेय पदर्थों को स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बताया जाता है, साथ ही समय-समय पर कई कारणों से इनकी आलोचना भी होती रहती है. यही वजह है कि कंपनियां कम से कम कैलोरी वाले प्रोडक्ट बाज़ार में लाना चाहती हैं. कोका-कोला के प्रोडक्ट कोक ज़ीरो को ही ले लीजिए. ये पेय पदार्थ चेतावनी के लेबल के साथ मार्केट में उतारा गया. लेबल पर क्लियर लिखा है कि ये बच्चों के लिए नहीं (not recommended for children) है.
अगर आपकी फ़ेवरेट ड्रिंक में चेंज नज़र आये, तो समझ जाना कि उसके पीछे की वजह ये है.