सर्दी का मौसम आते ही लोगों में उत्साह नज़र आने लगता है. स्कूल और ऑफ़िस में छुट्टियों की वजह से हम ख़ूब एन्जॉय करते हैं. इस दौरान हम क्रिसमस, न्यू ईयर के अलावा लोहड़ी का भी मजा लेते हैं. लेकिन ठंड की वजह से कई बीमारियों का डर रहता है. जिसमें सर्दी-जुकाम सबसे अहम है. सर्दी-जुकाम एक ऐसी बीमारी है जो किसी भी मौसम में किसी भी समय हो सकती है. कई बार यह समस्या इतनी गंभीर हो जाती है कि डॉक्टर के पास जाने पर भी तुरंत राहत नहीं मिलती. इससे बचना भी हमारे लिए एक तरह से चुनौती का ही काम है.

सर्दी-जुकाम की पहचान

सर्दी-जुकाम होते ही नाक से पानी आना, लगातार छींकना, हल्का बुखार, गले में खराश, आंखों में भारीपन, आंखों से पानी बहना, सिर में दर्द, गले में दर्द ,आदि की शिकायतें हो जाती हैं.

ज़्यादा परेशानी होने पर बलगम की जांच करवाएं

अगर सर्दी-जुकाम की समस्या सात दिनों से ज़्यादा तक रह गई हो तो इसकी जांच डॉक्टर से जरूर करवाएं. ज़्यादा परेशानी होने पर बलगम की जांच करवाना न भूलें.

बलगम के रंग से जानें अपनी बीमारी

सर्दी-जुकाम के समय नाक हमेशा पानी से भरा रहता है. खांसी होने पर बलगम भी निकलता हैं. ऐसे में पहले सावधानीपूर्वक अपने बलगम की जांच करवाएं या बलगम के रंग के आधार पर ख़ुद करें. उसके बाद डॉक्टर के पास जाएं.1. बलगम का साफ़ होना- यह बिलकुल शुरुआती स्तर का बलगम होता है. इस स्थिति में इंसान 7 दिनों के अंदर ठीक हो जाता है.

1. बलगम का साफ़ होना- यह बिलकुल शुरुआती स्तर का बलगम होता है. इस स्थिति में इंसान 7 दिनों के अंदर ठीक हो जाता है.

2. सफेद रंग का बलगम- इस स्थिति में इंसान को साइनस होने का डर रहता है. डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.

3. पीले रंग का बलगम- इस स्थिति में इंसान को इंफेक्शन होने का डर रहता है.

5. लाल रंग का बलगम- नाक में टिश्यू के फटने की वजह से बलगम का रंग लाल हो जाता है. इस स्थिति में डॉक्टर के पास जाना ही सही है.

इंसान को सर्दियों के मौसम में एन्जॉय करना चाहिए. साथ ही साथ अपने शरीर का भी ख्याल रखना चाहिए. सर्दी-जुकाम को भले ही आप मामूली बीमारी समझें, लेकिन शरीर के लिए ये बहुत ही ख़तरनाक है.