कहते हैं कि मानवता से बड़ा कोई धर्म नहीं होता, लेकिन छत्तीसगढ़ का एक वाक्या इंसानियत के नाम पर कई सवाल खड़े कर रहा है. ये शर्मनाक घटना संत हरकेवल बीएड कॉलेज की है, जहां 7 महीने की गर्भवती छात्रा ने कॉलेज पर उससे जबरन डांस कराने का गंभीर आरोप लगाया है.

रिपोर्ट के मुताबिक, 24 वर्षीय प्रतिभा मिंज नामक स्टूडेंट्स ने 3 फरवरी को एक बच्चे को जन्म दिया था. अगस्त 2017 में उन्होंने एडमिशन लिया, उस वक़्त उनकी प्रेग्नेंसी को 3 महीने हो चुके थे. इस दौरान कॉलेज की तरफ से उनसे ऐफ़िडेविट साइन कराया गया, जिसके मुताबिक, कोर्स के दौरान वो गर्भधारण नहीं कर सकती थी. कॉलेज के नियम के अनुसार, 2 साल के ऐकडेमिक प्रोग्राम के दौरान कोई भी छात्रा गर्भधारण नहीं कर सकती.

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वहीं पीड़िता का आरोप है कि कॉलेज प्रशासन ने उसे नियम उल्लंघन करने के कारण, अप्रैल में होने वाली परीक्षा में शामिल न करने की धमकी दी है. प्रतिभा ने बताया कि गर्भवस्था के दौरान कॉलेज के अध्यापकों ने उनको न सिर्फ़ शारीरिक, बल्कि मानसिक तौर पर भी काफ़ी प्रताड़ित किया. इतना ही नहीं, उन्होंने बताया कि दिसबंर महीने में उनकी प्रेग्नेंसी को 7 महीने हो चुके थे और प्रैक्टिकल के नाम पर उससे पूरी क्लास के सामने ज़बरजस्ती डांस करवाया गया. प्रतिभा ने अपनी प्रेग्नेंसी का हवाला देते हुए, टीचर्स से ऐसा न करने की तमाम मिन्नतें की लेकिन किसी ने भी उसकी एक न सुनी.

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प्रतिभा ने बताया, ‘मैं अध्यापकों से अनुरोध कर रही थी कि मुझसे डांस नहीं करवाया जाए. मैं 7 महीने की गर्भवती थी, लेकिन उन्होंने मेरे नबंर कम करने की धमकी देते हुए ज़बरजस्ती डांस कराया. मैं डांस कर रही थी और वो हंस रहे थे, जबकि मैं और मेरे सहपाठी काफ़ी शर्मिंदगी महसूस कर रहे थे.’

हांलाकि, गर्भवती होने के बावजूद परीक्षा में बैठने के लिए ज़रूरी 80 प्रतिशत अटेंडंस के बजाए, प्रतिभा की अटेंडंस 94 प्रतिशत थी. मामले की जांच जारी है.

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कितनी शर्मनाक बात है जिस कॉलेज में छात्र-छात्राओं को ज्ञान और इंसानियत का पाठ पढ़ाया जाता है, उसी जगह ऐसे असंवेदनशील लोग मौजूद हैं.

Source : TOI